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Jaipur विप्र फाउंडेशन राष्ट्रीय परिषद की बैठक में ब्राह्मणों ने जाति जनगणना की मांग खारिज की

 
Jaipur विप्र फाउंडेशन राष्ट्रीय परिषद की बैठक में ब्राह्मणों ने जाति जनगणना की मांग खारिज की

जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर विप्र फाउंडेशन राष्ट्रीय परिषद की रविवार को सूरत में बैठक के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में ब्राह्मणों को टारगेट किए जाने पर विशेष चिंता व्यक्त की और भावी रणनीति का मूर्त रूप दिया गया। बैठक में वक्ताओं ने भी एक स्वर में कहा कि सर्व समाज को सदैव साथ लेकर चलने वाले ब्राह्मण को अलग थलग करने का कुचक्र रचा जा रहा है। अब चुप बैठने का नहीं। इसके लिए संगठित हो ब्राह्मणों को भी अपनी नींव को मजबूत करना होगा। एक दूसरे का सहारा कैसे बन सकते हैं इसको लेकर भी बैठक में व्यापक विचार विमर्श हुआ। बैठक में विप्र फाउंडेशन ने देश में उठ रही जातिगत जनगणना का पुरजोर शब्दों में विरोध का निर्णय किया हैं।

विप्र फाउंडेशन के संस्थापक सुशील ओझा ने अपने संबोधन में कहा कि आज देश में जातिवादी मानसिकता वाले लोग कभी उच्च पदों पर पहुंची ब्राह्मण प्रतिभाओं को निशाना बना रहे हैं तो कभी सवर्ण वर्ग का देश के सारे सिस्टम पर आधिपत्य बता ब्राह्मणों के खिलाफ नफरत पैदा करने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं। ओझा ने कहा कि जातिगत जनगणना की मांग भी देश को बांटने की कोशिश के तहत उठाई जा रही हैं। सदियों से चले आ रहे आपसी भाईचारे को समाप्त करने के प्रयासों को रोकने की अहम जिम्मेदारी भी प्रबुद्ध समाज होने के कारण हम ब्राह्मणों पर ही आ गई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष राधेश्याम शर्मा ने कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण के तहत सिविल सेवा में 106 प्रतिभाओं को चयन हम सबके लिए बड़ी खुशी लेकर आया है। लेकिन, संविधान प्रदत्त इस अधिकार पर भी उंगली उठाने की कोशिश की जा रही है, जबकि ब्राह्मण कभी भी किसी भी आरक्षण के खिलाफ नहीं रहा। विप्र फाउंडेशन राष्ट्रीय परिषद ने पांच घंटे के गहन विचार मंथन में समाजोत्थान से जुड़ी योजनाओं 15 सूत्री सूरत घोषणा पत्र भी तैयार किया।

यह भी हुए महत्वपूर्ण निर्णय
विप्र फाउंडेशन की राष्ट्रीय और ज़ोनल कार्यकारिणी में दस प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित करने का निर्णय किया गया। चैप्टर लेवल पर पच्चीस प्रतिशत पद पचास वर्ष के नीचे वालों के लिए आरक्षित करने का फैसला किया गया । इसका सुझाव प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने रखा जिसे सर्व सम्मति से राष्ट्रीय परिषद ने स्वीकार कर लिया।

गुरुजी पुनः राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित

विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर पुनः राधेश्याम शर्मा गुरुजी को अगले दो वर्षो के लिए सर्व सम्मति से चुना गया। राष्ट्रीय परिषद की बैठक में देशभर से आए 310 प्रतिनिधि मौजूद थे, इनमें संरक्षक सत्य नारायण शर्मा, बनवारी लाल सोती कोलकाता, जगदीश मिश्रा भुवनेश्वर, हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा दिल्ली, राजस्थान के विधायक ताराचंद सारस्वत, पूर्व विधायक धर्म नारायण जोशी, राधेश्याम जी रंगा जोधपुर, प्रोफेसर गौरव वल्लभ, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष महावीर प्रसाद शर्मा, राष्ट्रीय समन्वयक श्री किशन जोशी, उपाध्यक्ष , साँवरमल माटोलिया,आर बी शर्मा, भरतराम तिवाड़ी, दीपक पारीक , राष्ट्रीय संगठन महामंत्री सुनील शर्मा, भगवान व्यास, परमेश्वर शर्मा, रुचि चतुर्वेदी आगरा, प्रमोद पालीवाल,गुजरात अध्यक्ष तुलसी भाई पुरोहित, सूरत अध्यक्ष घनश्याम सेवग शामिल रहे।

परशुराम तीर्थ क्षेत्र इसी वर्ष राष्ट्र को समर्पित होगा

अरुणाचल प्रदेश स्थित परशुराम कुण्ड पर भगवान श्री परशुराम की 54 फीट ऊंची मूर्ति प्रतिष्ठा प्रकल्प इसी वर्ष राष्ट्र को समर्पण, जयपुर स्थित परशुराम ज्ञानपीठ का शीघ्र शुभारंभ कर कन्या छात्रावास, कोचिंग, वैदिक रिसर्च, कौशल विकास आदि गतिविधियां शुरू करने, रोजगार को प्राथमिकता देते हुए 'विप्र चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज' की बीस शाखाएं खोलने, विप्र ऑनलाइन पोर्टल पर ई-मार्केट स्पेस से हुनरमंद महिलाओं को जोड़ने, प्रतियोगी परीक्षाओं की उच्च स्तरीय कोचिंग, बिना ब्याज के अध्ययन ऋण, भरतपुर व बीकानेर में नए छात्रावास, ISPAC के माध्यम से भगवान परशुराम के जीवन दर्शन और परशुराम स्थलों के प्रतिजागृति, कन्या विवाह में “शगुन” के बतौर 21,000/- की राशि , “समरसता” के तहत आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग के उत्थान में सहयोगी की प्रखर भूमिका , “संस्कारोदय” , “सामाजिक सरोकार” व राष्ट्रोदय कार्यक्रम ,“वैवाहिक” रिश्तों के लिए विप्र वेड लॉक पोर्टल और “खेल जगत” से जुड़ी गतिविधियों को प्रोत्साहित करना शामिल हैं।