जातिगत जनगणना को ब्राह्मण फेडरेशन ने बताया सही कदम, पिछड़ों के लिए आर्थिक जनगणना की मांग

अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ और राजस्थान ब्राह्मण महासभा ने जाति आधारित जनगणना की लंबे समय से चली आ रही मांग को स्वीकार करने और अगले सितंबर से प्रक्रिया शुरू करने की केंद्र सरकार की घोषणा का स्वागत किया है। इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए महासभा की कार्यकारी बैठक आयोजित की गई।
महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रदीप ज्योति और मुख्य महासचिव पंडित पदम प्रकाश शर्मा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सुझाव दिया कि जातिगत जनगणना के साथ-साथ आर्थिक जनगणना भी कराई जानी चाहिए। इससे देश के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के बारे में सटीक जानकारी एकत्र करने में मदद मिलेगी और विभिन्न सरकारी योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन में मदद मिलेगी।
जयपुर में आयोजित राजस्थान ब्राह्मण महासभा की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष केसरी भंवरलाल शर्मा ने भी यही मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि आर्थिक जनगणना के साथ-साथ जातिगत जनगणना से ब्राह्मणों सहित सभी जातियों के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को सरकारी योजनाओं का सही लाभ मिल सकेगा।
बैठक में अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ के राष्ट्रीय सचिव अश्विनी तिवारी और रमेश ओझा ने कहा कि इस पहल से समाज के अगड़े और पिछड़े वर्गों का वास्तविक आकलन हो सकेगा। महासंघ ने केन्द्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया तथा आर्थिक जनगणना की मांग भी दोहराई।
राजस्थान ब्राह्मण महासभा के मुख्य प्रचार महासचिव अश्विनी तिवारी ने बताया कि बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष सुभाष पाराशर, दीक्षित शर्मा, महेश शर्मा, प्रमुख महासचिव मधुसूदन शर्मा सहित कई कार्यकारिणी पदाधिकारी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जाति जनगणना की मांग स्वीकार करना एक सकारात्मक कदम है, जिससे देश की योजनाओं के वास्तविक लाभार्थियों की पहचान संभव हो सकेगी।