भाजपा विधायक के समर्थकों ने टोलकर्मियों को पीटा, कार पर बैरियर गिरने से हुआ विवाद, देखें वीडियो

राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में रविवार को खंडार विधायक जितेंद्र गोठवाल के समर्थकों द्वारा किए गए उपद्रव ने राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। घटना टोल नाके पर हुई, जहां समर्थकों ने टोल कर्मचारियों के साथ मारपीट की और टोल प्लाजा पर जमकर तोड़फोड़ की। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे लोगों में नाराजगी और आक्रोश देखने को मिल रहा है।
घटना के अनुसार, रविवार दोपहर खंडार क्षेत्र के एक टोल प्लाजा पर जब विधायक जितेंद्र गोठवाल के काफिले को टोल देने के लिए रोका गया, तो उनके साथ चल रहे समर्थकों ने आक्रोशित होकर टोलकर्मियों से बहस शुरू कर दी, जो जल्द ही हाथापाई में बदल गई। आरोप है कि समर्थकों ने कर्मचारियों के साथ मारपीट की, कार्यालय में तोड़फोड़ की और कई उपकरणों को नुकसान पहुंचाया।
स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि स्थिति इतनी बिगड़ गई कि टोल प्लाजा पर अफरा-तफरी मच गई। कई वाहन रुक गए और वहां से गुजरने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कुछ ही देर में घटना का वीडियो मौके पर मौजूद किसी व्यक्ति ने बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जो अब तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ युवक कर्मचारियों से मारपीट करते और टोल बूथ की खिड़कियों को तोड़ते नजर आ रहे हैं।
पुलिस प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। सवाई माधोपुर एसपी ने बताया कि घटना की वीडियो फुटेज को आधार बनाकर आरोपियों की पहचान की जा रही है और जल्द ही गिरफ्तारी की कार्रवाई होगी। हालांकि, विधायक गोठवाल की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने भी सरकार और जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस और अन्य दलों ने कहा है कि जब जनप्रतिनिधियों के समर्थक ही कानून को हाथ में लेंगे, तो आम जनता का भरोसा कैसे कायम रहेगा।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं न सिर्फ लोकतंत्र की मर्यादा को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि जनप्रतिनिधियों की छवि को भी नुकसान पहुंचाती हैं। विधायक गोठवाल के समर्थकों की इस हरकत ने उन्हें एक बार फिर विवादों में ला खड़ा किया है।
पुलिस द्वारा टोल प्रबंधन की शिकायत पर आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है। वहीं, जिला प्रशासन ने कहा है कि टोल पर सीसीटीवी फुटेज के आधार पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी पार्टी या पद से जुड़ा हो।