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बागीदौरा विधायक जय कृष्ण पटेल गिरफ्तार! लेकिन सबसे बड़ा सवाल – कहां गया रुपयों से भरा बैग और किसे सौंपा ?

बागीदौरा विधायक जय कृष्ण पटेल गिरफ्तार! लेकिन सबसे बड़ा सवाल – कहां गया रुपयों से भरा बैग और किसे सौंपा ?
 
बागीदौरा विधायक जय कृष्ण पटेल गिरफ्तार! लेकिन सबसे बड़ा सवाल – कहां गया रुपयों से भरा बैग और किसे सौंपा ?

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने विधायक जय कृष्ण पटेल के रिश्तेदार विजय कुमार पटेल को हिरासत में लिया है। विजय कुमार पटेल ही खनन व्यवसायी रविंद्र कुमार मीना को मालवीय नगर से विधायक क्वार्टर लेकर आया था। एसीबी की टीम यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि रुपयों से भरा बैग किसे सौंपा गया और कैसे गायब किया गया।

विधायक क्वार्टर में लगे कई सीसीटीवी कैमरे बंद मिले
चौंकाने वाली बात यह है कि विधायक क्वार्टर में लगे कई सीसीटीवी कैमरे बंद मिले। इसके चलते एसीबी की टीम देर रात तक क्षेत्र में लगे अन्य सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालती रही। खनन व्यवसायी रविंद्र ने आरोप लगाया है कि विधायक ने विधानसभा में करौली खनन विभाग से सवाल पूछा था कि वर्ष 1958 से संचालित खदान से अब तक कितनी रेत, बजरी और पत्थर निकाला गया है। हालांकि एसीबी ने अभी तक इस सवाल की पुष्टि नहीं की है।

विधायक ने विधानसभा में उठाए सवाल
रविंद्र का कहना है कि विधायक ने टोडाभीम क्षेत्र में स्थित उनकी दो सोपस्टोन खदानों पर अवैध खनन का आरोप लगाकर विधानसभा में सवाल उठाए हैं। इसके बाद विधायक ने उनसे संपर्क कर सवाल वापस लेने की बात कही और भविष्य में उनसे जुड़े विषयों पर सवाल नहीं पूछने की एवज में रिश्वत मांगी। आरोप है कि विधायक ने 4-5 अन्य खनन कारोबारियों से भी इसी तरह के सवाल पूछे हैं। इन लोगों से भी हुई पूछताछ एसीबी ने विधायक के ड्राइवर राजेश पटेल, गनमैन बलवीर, जनसुनवाई सेल में शिकायतकर्ताओं की शिकायतों का डाटा हैंडल करने वाले मनोज पटेल और सोशल मीडिया अकाउंट हैंडल करने वाले रौनक से भी पूछताछ की। 

ये सभी लोग बागीदौरा से विधायक के साथ जयपुर आए थे। शुरुआती पूछताछ में इनकी कोई सीधी भूमिका सामने नहीं आई है। ड्राइवर ने बताया कि विधायक ने कहा था कि उन्हें कुछ घंटे जयपुर में रुकना है और फिर वापस लौटना है। सभी लोग शनिवार रात को बागीदौरा से रवाना हुए और रविवार सुबह 6.30 बजे जयपुर पहुंचे। उसी दिन सुबह 10.30 बजे विजय कुमार पटेल खनन कारोबारी को लेकर विधायक क्वार्टर पहुंचा। आरोप है कि विधायक अपने आठवें फ्लोर के फ्लैट से नीचे उतरे, खनन कारोबारी की कार में बैठे और वहीं रिश्वत की रकम ली।

नेम प्लेट हटाकर छिपने का प्रयास
एसीबी टीम के विधायक आवास पर पहुंचने की सूचना के बाद फ्लैट के बाहर लगी नेम प्लेट हटा दी गई। चर्चा रही कि आठवें फ्लोर पर मौजूद सभी विधायकों की नेम प्लेट हटा दी गई। हालांकि, फ्लैट के बाहर नेम प्लेट हटाई हुई मिली।

विधायक को लेकर बेसमेंट में पहुंचे
मीडिया की मौजूदगी को देखते हुए एसीबी टीम ने विधायक को चुपचाप बाहर निकालने की योजना बनाई। आठवें फ्लोर पर मौजूद सभी लिफ्ट को पहले ग्राउंड फ्लोर पर भेजा गया, फिर विधायक को लिफ्ट से नीचे उतारकर सीधे बेसमेंट में ले जाया गया, जहां उन्हें पहले से वहां खड़ी कार में बैठाकर एसीबी मुख्यालय ले जाया गया। हालांकि, कुछ पत्रकार सीढ़ियों से बेसमेंट में पहुंच गए और विधायक की तस्वीरें और वीडियो बना लीं।