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Rajasthan के सभी विश्वविद्यालयों में इस तारीख तक शुरू होगी बायोमेट्रिक और ऐप अटेंडेंस

 
Rajasthan के सभी विश्वविद्यालयों में इस तारीख तक शुरू होगी बायोमेट्रिक और ऐप अटेंडेंस

जयपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में कुलपति समन्वय समिति की बैठक में कहा कि विश्वविद्यालयों में बायोमेट्रिक/मोबाइल एप आधारित उपस्थिति की व्यवस्था 30 मई तक तत्परता से लागू की जाएगी. जिसे चरणबद्ध रूप से यह व्यवस्था सभी यूनिवर्सिटी और संबद्ध कॉलेजों में भी लागू की जाएगी.  उन्होंने कहा कि नवगठित विश्वविद्यालयों में संपत्तियों, दायित्वों, भूमि, पेंशन और अन्य मुद्दों के लिए कमेटी का गठन कर कार्य किया जाएगा. इसमें संबंधित जिला कलेक्टर भी सम्मिलित होंगे ताकि नए विश्वविद्यालयों से जुड़े मुद्दों का प्रभावी समाधान समय पर हो सके. उन्होंने कहा कि सामाजिक सहभागिता महत्वपूर्ण है. विश्वविद्यालय पांच-पांच गांव गोद लेकर उनके विकास के लिए कार्य करेंगे.

रिक्त पदों की ली जानकारी

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक और अशैक्षणिक रिक्त पदों के बारे में भी जानकारी ली. उन्होंने रिक्त पदों को भरे जाने के लिए भी चरणबद्ध प्रभावी कार्यवाही किए जाने पर जोर दिया. इस दौरान विश्वविद्यालय अधिनियमों के प्रावधानों के अनुसार कुलसचिव और वित्त नियंत्रक के पदों पर विज्ञापन के माध्यम से आवेदन प्राप्त कर उन्हें भरे जाने, इन पदों पर लगने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के आकर्षण के लिए अतिरिक्त भत्ते के प्रावधान, प्रोत्साहन आदि पर भी चर्चा की गई.

विश्वविद्यालयों में सौर ऊर्जा लगाने की अंतिम डेट 30 जून

उन्होंने कहा कि प्रदेश के औद्योगिक घरानों से विचार विमर्श कर कौशल विकास के लिए विश्वविद्यालय को काम करने और बैठक में जिन विश्वविद्यालयों में सौर ऊर्जा उपकरण नहीं लगे हैं, वहां  30 जून तक कार्यवाही किए जाने के भी राज्यपाल ने निर्देश दिए.राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों द्वारा गोद लिए गांवों में श्रमदान, लाइफ स्किल प्रशिक्षण प्रारंभ किए जाने, पाठ्यक्रम अद्यतन करने और रेडक्रॉस के साथ समन्वय कर समाजोपयोगी गतिविधियां का अधिकाधिक क्रियान्वयन किए जाने का भी आह्वान किया है.  उन्होंने विश्वविद्यालयों में एकीकृत प्रबंध व्यवस्था आवश्यक रूप से लागू किए जाने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सभी यह प्रयास करें कि विश्वविद्यालयों में बहु विषयक और अंतर विषयक अनुसंधान और पठन-पाठन की दिशा में कार्य किया जाय. हर विश्वविद्यालय में इनोवेशन सेंटर, इन्क्यूबेशन सेंटर, नवीन स्टार्टअप के लिए भी निरंतर कार्य किया जाना चाहिए.