राजस्थान में आरजीएचएस योजना में बड़ा घोटाला, सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू की गई योजना पर सवाल
राजस्थान में राज्य सरकार की आरजीएचएस (राजस्थान सरकारी कर्मचारियों के स्वास्थ्य सेवा योजना) में एक बड़े घोटाले का मामला सामने आया है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं के लिए शुरू की गई योजना पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यह घोटाला पहले केवल डॉक्टरों के स्तर पर था, लेकिन अब यह खेल मेडिकल स्टोर तक फैल गया है, जिससे आरजीएचएस योजना का उद्देश्य और कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग गया है।
यह घोटाला सबसे पहले अलवर जिले में सामने आया, जहां सरकारी कर्मचारियों को मुफ्त इलाज प्रदान करने वाली इस योजना में भारी गड़बड़ी का खुलासा हुआ। मामले में यह आरोप है कि अस्पतालों में डॉक्टरों के साथ मिलकर मेडिकल स्टोर संचालकों ने कर्मचारियों के स्वास्थ्य कार्ड का गलत तरीके से उपयोग किया और फर्जी दवाएं बांटीं। इसके साथ ही, सरकारी इलाज के नाम पर धन की हेराफेरी भी की गई।
योजना का उद्देश्य और घोटाले का विस्तार
आरजीएचएस योजना का उद्देश्य राज्य के सरकारी कर्मचारियों को स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त या कम कीमत पर उपलब्ध कराना था, लेकिन अब यह योजना धन की हेराफेरी और फर्जीवाड़े का अड्डा बन गई है। मेडिकल स्टोर संचालकों ने इस घोटाले में सक्रिय भागीदारी निभाई, जहां उन्होंने सरकार द्वारा निर्धारित दरों से कहीं अधिक रकम वसूल की और न ही कर्मचारियों को सही इलाज दिया।
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया और जांच
राज्य सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक जांच समिति का गठन कर दिया है। इस समिति को स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निगरानी दी जा रही है। अब सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं कि आरजीएचएस योजना में हुए इस घोटाले में शामिल सभी आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और दोषियों को सलाखों के पीछे डाला जाए।
कर्मचारियों का गुस्सा
घोटाले का खुलासा होते ही राज्य के सरकारी कर्मचारियों में गुस्सा और असंतोष फैल गया है। उन्होंने योजना की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं और मांग की है कि इस घोटाले के दोषियों को तुरंत सजा मिले। कर्मचारियों ने यह भी कहा कि उन्हें सही इलाज मिलने की बजाय, इस घोटाले के कारण उनके स्वास्थ्य की स्थिति और भी बिगड़ी है।
