Aapka Rajasthan

Rajasthan में RTE प्रवेश को लेकर आयी बड़ी खबर, यहाँ देखे अपडेट

 
Rajasthan में RTE प्रवेश को लेकर आयी बड़ी खबर, यहाँ देखे अपडेट 

जयपुर न्यूज़ डेस्क, शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी हो गई है। 13 मई सोमवार को प्रवेश की लॉटरी निकाली जाएगी। अभी तक प्रदेश से करीब तीन लाख आवेदन शिक्षा विभाग को प्राप्त हो चुके हैं। हालांकि पी-3 (नर्सरी) में आवेदन करने वाले एक लाख बच्चों के लिए आरटीई के तहत प्रवेश पाना आसान नहीं होगा। कारण है कि निजी स्कूल पी-3 कक्षा में आरटीई के तहत प्रवेश नहीं देने पर अड़े हैं। भुगतान विवाद के बीच निजी स्कूलों ने प्रवेश नहीं देने का फैसला लिया है। इधर, विरोध को नजरअंदाज कर शिक्षा विभाग आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया को पूरी कर रहा है। लॉटरी निकालने के बाद बच्चों को स्कूल आवंटित कर दिए जाएंगे। लेकिन विवाद के कारण अभिभावक प्रवेश के लिए स्कूलों के चक्कर काटेंगे। जाहिर है कि शिक्षा विभाग और निजी स्कूलों के विवाद के बीच बच्चे पिसेंगे।

क्या है विवाद

शिक्षा विभाग ने 2023-24 में प्री-प्राइमरी कक्षाओं और प्रथम कक्षा में आरटीई के तहत प्रवेश लिए। लेकिन आरटीई का भुगतान सिर्फ प्रथम कक्षा में ही देने का फैसला लिया। इसका निजी स्कूलों ने विरोध किया। शिक्षा विभाग के निर्देशों और कार्रवाई की चेतावनी पर निजी स्कूलों ने प्रवेश दे दिया। लेकिन स्कूल अब भुगतान की मांग कर रहे हैं। नए सत्र में फिर से शिक्षा विभाग ने पी-3 में आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया शुरू की है, इस बार भी प्री-प्राइमरी कक्षा का भुगतान नहीं किया जा रहा है। ऐसे में निजी स्कूलों ने प्रवेश देने से इनकार कर दिया है।

मान्यता निरस्त करने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते

गत सत्र जयपुर में आरटीई के तहत प्रवेश नहीं देने वाले स्कूलों के खिलाफ जिला शिक्षा अधिकारी राजेन्द्र शर्मा हंस ने कार्रवाई की। स्कूलों की मान्यता रद्द करने का प्रस्ताव भी शिक्षा निदेशालय भिजवाया। इसके बाद भी शिक्षा विभाग स्कूलों पर एक्शन नहीं ले पाया। अभिभावकों को ही इसका खमियाजा उठाना पड़ा। जो भी विवाद है उसे निपटा लिया जाएगा। इस बार पी-3 और प्रथम कक्षा में प्रवेश लिए जा रहे हैं। बच्चों के हित में जो भी निर्णय होगा, करेंगे।

मदन दिलावर, शिक्षा मंत्री राजस्थान

शिक्षा विभाग उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर रहा है। निजी स्कूल बच्चों को पढ़ाने का भुगतान मांग रहे हैं। लेकिन विभाग मनमर्जी पर अड़ा है। हमने तय किया है कि बकाया भुगतान नहीं मिलेगा तो प्री-प्राइमरी में प्रवेश नहीं देंगे। पी-3 में प्रवेश देकर बच्चों को तीन साल नि:शुल्क पढ़ाना होगा। इसके बाद प्रथम कक्षा में बच्चों का भुगतान मिलना शुरू होगा। हम इस प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं। विभाग यह आश्वासन दे कि बकाया भुगतान दिया जाएगा और इस सत्र में भी प्री-प्राइमरी कक्षा का भुगतान मिलेगा, तभी प्रवेश लिए जाएंगे।