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चित्तौड़गढ़ में ड्रग्स तस्करी का बड़ा खुलासा, एक्सक्लूसीव फुटेज में देखें भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष अशोक पारलिया गिरफ्तार

चित्तौड़गढ़ में ड्रग्स तस्करी का बड़ा खुलासा, एक्सक्लूसीव फुटेज में देखें भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष अशोक पारलिया गिरफ्तार
 
चित्तौड़गढ़ में ड्रग्स तस्करी का बड़ा खुलासा, एक्सक्लूसीव फुटेज में देखें भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष अशोक पारलिया गिरफ्तार

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष अशोक पारलिया को गिरफ्तार किया है। कार्रवाई के दौरान आरोपी की कार से 1 क्विंटल 21 किलोग्राम अवैध डोडा-चूरा बरामद किया गया है। यह कार्रवाई मध्यप्रदेश के इंदौर से आई एनसीबी टीम द्वारा की गई, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।

मंडफिया थाना क्षेत्र में हुई कार्रवाई

यह कार्रवाई जिले के मंडफिया थाना क्षेत्र में की गई, जहां एनसीबी की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर आरोपी की कार को रोका और तलाशी ली। तलाशी के दौरान कार से भारी मात्रा में डोडा-चूरा मिला, जिसे अवैध रूप से ले जाया जा रहा था। टीम ने तुरंत मौके पर ही आरोपी को हिरासत में ले लिया और मादक पदार्थ जब्त कर लिया।

राजनीतिक हलकों में हड़कंप

गिरफ्तार किया गया आरोपी अशोक पारलिया भारतीय जनता पार्टी का पूर्व मंडल अध्यक्ष रह चुका है। उसकी गिरफ्तारी से न केवल प्रशासनिक हलकों में बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हड़कंप मच गया है। एक राजनीतिक व्यक्ति का इस तरह मादक पदार्थों की तस्करी में पकड़ा जाना गंभीर सवाल खड़े करता है।

एनसीबी की सटीक कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार, इंदौर से आई एनसीबी की विशेष टीम को पहले से ही सूचना थी कि मंडफिया क्षेत्र में अवैध मादक पदार्थों की बड़ी खेप ले जाई जा रही है। उसी के आधार पर टीम ने योजना बनाकर यह कार्रवाई की। जब्त की गई मात्रा इतनी अधिक है कि यह तस्करी के एक संगठित नेटवर्क की ओर इशारा करती है।

पुलिस और एनसीबी की संयुक्त पूछताछ

फिलहाल आरोपी अशोक पारलिया से पूछताछ जारी है। एनसीबी यह जानने की कोशिश कर रही है कि वह इस नेटवर्क का हिस्सा कब से है और उसके संपर्क में कौन-कौन लोग हैं। स्थानीय पुलिस भी इस मामले में एनसीबी के साथ समन्वय कर रही है ताकि पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।

भाजपा की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं

इस मामले को लेकर भाजपा की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी इस मामले से खुद को अलग रखने की कोशिश कर सकती है, क्योंकि आरोपी अब सक्रिय पद पर नहीं है।