राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला! ग्रामीण इलाकों में बंद रास्तों को फिर से खोला जाएगा, अवैध कब्जेदारों पर होगा एक्शन

प्रदेश में खेतों और घरों तक पहुंचने के लिए सड़कें न होने की शिकायतें काफी हैं। सड़क विवादों के मामले लंबे समय से अदालतों में चल रहे हैं। ऐसे में राजस्थान की भजनलाल सरकार ने पहली बार इन बंद सड़कों को खोलकर आम लोगों को राहत देने के लिए 'नई राह' दिखाई है। दरअसल, एक मई से पूरे प्रदेश में 'रास्ता खोलो अभियान' शुरू किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य ग्रामीणों, किसानों और झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को सुगम यातायात मुहैया कराना है। झुंझुनू जिले में भी पहले दिन अधिकारियों ने करीब एक दर्जन बंद सड़कें खोली हैं।
क्या बोले झुंझुनू जिला कलेक्टर?
जिला कलेक्टर रामावतार मीना ने बताया कि सड़क विवादों को लेकर उपखंड स्तर, जिला स्तर और राज्य सरकार को मिली सभी शिकायतों को सूचीबद्ध कर संबंधित अधिकारियों को सौंप दिया गया है। अधिकारियों को आपसी समझाइश और कानूनी कार्रवाई के जरिए इन सड़कों को खोलने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि आम लोगों को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि इस अभियान के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने का प्रयास किया जाएगा।
सरकार राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज सड़कों को खोलेगी
इस अभियान में उन सार्वजनिक सड़कों को प्राथमिकता दी जा रही है जो राजस्व रिकॉर्ड में तो दर्ज हैं लेकिन किसी कारणवश बंद हो गई हैं और जिनके बंद होने से बड़ी संख्या में किसान या ग्रामीण प्रभावित हो रहे हैं। ऐसी लोकप्रिय सड़कों को भी खोलने की कार्रवाई की जा रही है जिनका उपयोग वर्षों से ढाणियों में रहने वाले लोग कर रहे हैं लेकिन अब बंद हो गई हैं।
सैकड़ों सड़कों के विवाद सुलझाए जाएंगे
अभियान के तहत राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 251 के तहत तय की गई उन सड़कों को भी क्रियान्वित किया जाएगा, जिन पर अब तक अमल नहीं हुआ है। साथ ही जो सड़कें रिकॉर्ड में अंकित नहीं हुई हैं, उनका सर्वे कर उन्हें रिकॉर्ड में दर्ज करने की कार्रवाई भी अभियान के दौरान की जाएगी। जिला कलेक्टर ने कहा कि इस अभियान के माध्यम से झुंझुनूं में सैकड़ों सड़कों के विवाद सुलझाए जाएंगे और वर्षों से बंद पड़ी सड़कों को आम लोगों के उपयोग में लाया जाएगा।