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Big Breaking: Rajasthan के 3 रेलवे स्टेशनों को निजी हाथों में देने की तैयारी में सरकार, सिर्फ ये एक काम देखेगा रेलवे

 
Big Breaking: Rajasthan के 3 रेलवे स्टेशनों को निजी हाथों में देने की तैयारी में सरकार, सिर्फ ये एक काम देखेगा रेलवे

जयपुर न्यूज़ डेस्क,  उत्तर पश्चिम रेलवे ने भी भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन की तर्ज पर गांधीनगर, जयपुर जंक्शन और जैसलमेर स्टेशन के यात्री के लिए व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन की बागड़ोर निजी हाथ में सौंपने की तैयारी कर ली है। इन रेलवे स्टेशनों को सिटी सेंटर के तौर पर विकसित करने की रेलवे की योजना है। बताया जा रहा है कि टिकट बिक्री को छोड़कर इन स्टेशनों पर फूड कोर्ट, गेम जोन, पार्किंग समेत अन्य व्यावसायिक गतिविधियां निजी फर्म ही संभालेगी। इन स्टेशनों की नियमित देखरेख और मेंटीनेंस भी जरूरी है। यह देखते हुए रेलवे यह जिम्मेदारी निजी फर्म को देने में जुटा है।

गांधीनगर रेलवे स्टेशन से शुरुआत

बताया जा रहा है कि सबसे पहले गांधीनगर रेलवे स्टेशन की जिम्मेदारी दी जाएगी। पायलट प्रोजेक्ट में इस स्टेशन को शामिल किया गया है फिर जैसलमेर और जयपुर जंक्शन दिए जाएंगेे।

एक ही फर्म को दी जाएगी जिम्मेदारी

बताया जा रहा है कि एक स्टेशन पर व्यवासायिक गतिविधियों के संचालन की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसका खाका तैयार कर लिया गया है। कई फर्म के रेलवे आमंत्रित भी किया और कुछ फर्म के प्रतिनिधियों को विजिट भी करवाई गई है। गांधीनगर स्टेशन का जिम्मा जून से पहले ही दे दिया जाएगा।

60 फीसदी तक काम पूरा

दरअसल, उत्तर पश्चिम रेलवे में अमृतभारत स्टेशन योजना के अंतर्गत 85 रेलवे स्टेशनों का पुनर्निमाण किया जा रहा है। इसके तहत जैसलमेर स्टेशन का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका जबकि गांधीनगर रेलवे स्टेशन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। संभवत: यह स्टेशन जून में बनकर तैयार हो जाएगा। इसी तरह अगले साल के अंत तक जयपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन विश्व स्तरीय बनकर तैयार हो जाएगा। इसका भी 60 फीसदी तक काम हो चुका है।

रेलवे संभालेगा ये काम

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इन तीनों स्टेशनों की टिकट बिक्री व ट्रेनों के संचालन, सुरक्षा, संरक्षा समेत अन्य प्रमुख कार्य रेलवे ही संभालेगा। केवल यात्री सुविधाओं की व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन व साफ-सफाई व्यवस्थाओं का जिम्मा ही उक्त फर्म को सौंपा जाएगा।

रेलवे का जवाब… प्लान चल रहा है

इस मामले में उत्तर पश्चिम रेलवे के अधिकारी स्पष्ट जानकारी देने से बच रहे हैं। उनका कहना है कि इस इसका प्लान चल रहा है। वो इस मामले में खुलकर बोलने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं।