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भीलवाड़ा: बजरी खनन के नाम पर किसानों की जमीनों पर अवैध कब्जा, खनिज विभाग ने नोटिस जारी किया

भीलवाड़ा: बजरी खनन के नाम पर किसानों की जमीनों पर अवैध कब्जा, खनिज विभाग ने नोटिस जारी किया
 
भीलवाड़ा: बजरी खनन के नाम पर किसानों की जमीनों पर अवैध कब्जा, खनिज विभाग ने नोटिस जारी किया

भीलवाड़ा जिले के सवाईपुर क्षेत्र में बजरी खनन के नाम पर किसानों की जमीनों पर अवैध कब्जा और मारपीट का मामला सामने आया है। स्थानीय किसानों ने बताया कि खनन गतिविधियों के दौरान लीजधारक और उनके सहयोगी जमीन पर बिना अनुमति प्रवेश कर रहे थे और विरोध करने पर उन्हें धमकाया या प्रताड़ित किया गया।

इस मामले में कोटड़ी-जहाजपुर विधायक गोपीचंद मीणा ने हस्तक्षेप किया और संबंधित अधिकारियों को शिकायत भेजी। उनकी शिकायत के बाद खनिज विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कड़ा रुख अपनाया। विभाग ने मांगीलाल विश्नोई फर्म, जो उक्त खनन क्षेत्र की लीज धारक है, को नोटिस जारी किया और माइनिंग क्षेत्र में किसी भी तरह की गतिविधि पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी।

खनिज विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अवैध खनन और किसानों की जमीन पर जबरन कब्जा करना कानून के तहत गंभीर अपराध है। विभाग ने कहा कि फर्म द्वारा किए गए कार्यों की जांच की जाएगी और नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

स्थानीय लोग इस कार्रवाई से संतुष्ट हैं और आशा जताई है कि प्रशासन अब क्षेत्र में शांति और नियमों का पालन सुनिश्चित करेगा। उन्होंने खनिज विभाग से अपील की है कि भविष्य में ऐसे मामलों पर कड़ी नजर रखी जाए और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए समय पर कदम उठाए जाएँ।

विशेषज्ञों का कहना है कि अवैध बजरी खनन न केवल किसानों के हितों के लिए खतरा है, बल्कि इससे पर्यावरण और भूमि की स्थिरता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए सरकारी निगरानी और नियमों का कड़ाई से पालन अत्यंत आवश्यक है।

इस घटना ने भीलवाड़ा में खनन और जमीन अधिकारों के मुद्दों पर नए सिरे से चर्चा को जन्म दिया है। स्थानीय प्रशासन और विभाग ने स्पष्ट किया है कि अवैध कब्जा और मारपीट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।