दिन में इतिहास और रात में खौफ का दूसरा नाम है भानगढ़ किला, वायरल वीडियो में ग्रामीणों के खौफनाक अनुभव सुन कांप उठेगा कलेजा
राजस्थान के अलवर जिले में अरावली की पहाड़ियों के बीच बसा भानगढ़ किला दिन में जितना खूबसूरत और ऐतिहासिक नजर आता है, रात होते ही उतना ही रहस्यमयी और डरावना हो जाता है। यह किला सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे भयावह स्थानों में गिना जाता है। पर्यटक यहां दिन में घूमने आते हैं, लेकिन सूरज ढलते ही जैसे कोई अदृश्य पर्दा गिर जाता है और यह पूरा इलाका एक रहस्यमयी सन्नाटे में डूब जाता है।सरकारी नियमों के अनुसार, सूरज ढलने के बाद किसी भी व्यक्ति को भानगढ़ किले में रुकने की अनुमति नहीं है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने साफ चेतावनी लगा रखी है कि शाम 6 बजे के बाद यहां कोई न रुके। लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसा क्या है इस जगह में जो रात के समय यहां आना मना है?
दिन में चमकता है इतिहास, रात में गहराता है खौफ
दिन के समय भानगढ़ का किला पर्यटकों से गुलजार रहता है। इसके खंडहर, पुरानी हवेलियां, मंदिर और महल इतिहास की कहानियों को बयां करते हैं। लेकिन जैसे ही सूरज पश्चिम में ढलने लगता है, यहां की हवाएं भी सर्द और भारी महसूस होने लगती हैं।स्थानीय लोगों का कहना है कि रात के समय किले से अजीब-अजीब आवाजें सुनाई देती हैं — जैसे कोई रो रहा हो, किसी के चलने की आहट हो या फिर किसी के हँसने की गूंज। कुछ लोगों ने यहां छायाएं देखने की बात भी कही है जो अचानक प्रकट होकर गायब हो जाती हैं।
गांव वालों की मानें तो रात का समय भयानक होता है
भानगढ़ के आसपास के गांवों के लोगों से जब रात के अनुभवों के बारे में पूछा गया तो उनके जवाब सिहरन पैदा कर देने वाले थे। गांव के एक बुजुर्ग ने बताया, “हमारे बाप-दादाओं ने सख्त हिदायत दी थी कि सूरज डूबने के बाद किले की ओर नहीं जाना। रात को कई बार चीखें सुनाई देती हैं और कई बार ऐसा महसूस होता है जैसे कोई पीछा कर रहा हो।”एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि उनके एक रिश्तेदार ने हिम्मत करके एक बार रात में किले के पास जाने की कोशिश की थी, लेकिन अगली सुबह वो मानसिक रूप से परेशान मिले और तब से आज तक उनका इलाज चल रहा है।
क्या है भानगढ़ की रहस्यमयी कहानी?
भानगढ़ से जुड़ी सबसे प्रचलित कहानी है रत्नावती नामक राजकुमारी और एक तांत्रिक सिंधु सेवड़ा की। कहा जाता है कि तांत्रिक ने राजकुमारी को वश में करने के लिए जादू टोना किया, लेकिन रत्नावती ने चालाकी से उस जादू को उसी पर उलट दिया। तांत्रिक मरते समय श्राप दे गया कि भानगढ़ का पूरा राज्य नष्ट हो जाएगा। अगले ही साल एक युद्ध में पूरा राज्य तबाह हो गया और तभी से ये किला वीरान पड़ा है।
विज्ञान बनाम आस्था
कुछ लोग इन कहानियों को महज मिथ मानते हैं और कहते हैं कि किले के खंडहरों में गूंजने वाली आवाजें और अजीबो-गरीब घटनाएं वातावरणीय प्रभावों और ध्वनि तरंगों का परिणाम हो सकती हैं। वहीं, विज्ञान को न मानने वाले लोग इसे आत्माओं का बसेरा मानते हैं और दावा करते हैं कि यहां नकारात्मक ऊर्जा मौजूद है।
