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चुनावी हार के बाद Modi के सामने रो पड़े थे भागीरथ चौधरी, जानें इनका मंत्री बनने तक का सफर

 
चुनावी हार के बाद Modi के सामने रो पड़े थे भागीरथ चौधरी, जानें इनका मंत्री बनने तक का सफर

जयपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान में 6 महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में भागीरथ चौधरी किशनगढ़ से विधानसभा चुनाव हार गए थे. मोदी से मिले तो उनके सामने फूट-फूटकर खूब रोए. मोदी ने गले लगाकर कहा था कि हार-जीत चलती रहती है. भागीरथ पहली बार मोदी के मंत्रीमंडल में शामिल हुए. 

विधानसभा चुनाव हार से आहत चौधरी मोदी से बिना मिले ही निकल गए  

भागीरथ चौधरी 2019 में अजमेर से सांसद निर्वाचित हुए. विधानसभा चुनाव-2023 में बीजेपी ने भागीरथ चौधरी को किशनगढ़ से विधानसभा का टिकट दिया था. वे चुनाव हार गए. विधानसभा चुनाव हारने के बाद संसद सत्र में पीएम मोदी से मिले थे. भागीरथ चौधरी चुनाव हारने की वजह से आहत थे और मोदी से बिना मिले से चले गए थे. 

पीएम मोदी ने गार्ड भेजकर भागीरथ चौधरी को बुलाया था 

मोदी से बिना मिले निकलने लगे तो मादी ने गार्ड को भेजकर बुलाया था. इसके बाद पीएम मोदी से मिलने गए तो उन्होंने कहा कि बिना मिले कैसे निकले? भागीरथ चौधरी ने कहा कि चुनाव हारने की वजह. मैं किस मुंह से आपसे मिलता. आपने टिकट दिया और में विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर था.  

मोदी के सामने रो दिए थे भागीरथ चौधरी

भागीरथ चौधरी मोदी के सामने रो दिए. मोदी ने गले लगाकर ढांढस बंधाया. पीएम मोदी ने कहा कि हार-जीत चलती रहती है. हिम्मत हारने की जरूरत नहीं है आगे भी अच्छा होगा. 

17 साल की उम्र पढ़ाई छोड़कर किराना की दुकान खोली थी भागीरथ चौधरी  
भागीरथ चौधरी 17 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़कर किराना की दुकान खोली. पढ़ाई के लिए जयपुर आए थे और सेकेंड ईयर की पढ़ाई छोड़कर किशनगढ़ लौट गए. 20 साल की उम्र तक किराना की दुकान चलाए. 1990 में मार्बल का बिजनेस शुरू किया. इसके बाद जनसंघ से जुड़ गए. 

2003 में भागीरथ चौधरी पहली बार विधायक बने 
भाजपा की स्थापना से ही वे संगठन में एक्टिव रहे. 2003 में पहली बार विधायक बने. 2 बार विधायक रहे. 2003 से 2008 तक भाजपा उद्योग प्रकोष्ठ में प्रदेश उपाध्यक्ष और 2003 से 2019 तक प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रहे.