BAP विधायक का रिश्वतकांड, टैक्सी ड्राइवर ने जमीन में गाड़े 20 लाख, भांजा बोला- डील कैंसिल, रिश्तेदारों की होगी जांच
20 लाख रुपये की रिश्वत मामले में गिरफ्तार बागीदौरा बीएपी विधायक जयकृष्ण पटेल और उनके चचेरे भाई विजय कुमार को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। विधायक जयकृष्ण पटेल रिश्वत मामले में विधायक घनश्याम मेहर का नाम भी सामने आया है। एसीबी जल्द ही विधायक घनश्याम मेहर से भी पूछताछ कर सकती है। रविवार को बीएपी विधायक जयकृष्ण पटेल और विजय कुमार को विधायक के सरकारी आवास से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था।
भतीजे को सौंपे 20 लाख रुपए
उस समय रिश्वत की रकम बरामद नहीं हो सकी थी। विधायक जयकृष्ण पटेल ने अपने भतीजे को 20 लाख रुपये की रिश्वत दी, जिसके बाद भतीजे ने यह रकम अपने एक रिश्तेदार जसवंत को दे दी, जिसे रकम छिपाने के लिए कहा गया। इस पर जसवंत ने रिश्वत की राशि अलवर के रामगढ़ के सैथली गांव निवासी जगराम (31) पुत्र घीसाराम मीना को दे दी।
जगराम मीना जयपुर के जगतपुरा स्थित इंदिरा गांधी नगर में किराए के मकान में रहते हैं। दोनों ने मिलकर इंदिरा नगर स्थित एक मकान में जमीन में रकम दबा दी। एसीबी ने मोबाइल सर्विलांस के जरिए जसवंत का पता लगाया और उसे हिरासत में ले लिया। एसीबी ने जब उससे सख्ती से पूछताछ की तो जसवंत ने पैसों का ठिकाना बता दिया।
संपत्ति की राशि
पूछताछ में पता चला कि जसवंत ने जगराम को 20 लाख रुपए दिए थे और कहा था कि प्रॉपर्टी संबंधी डील कैंसिल हो गई है। जिसके कारण यह राशि बच गई है। इसे ज़मीन में गाड़ दो. जगराम ने बैग को जमीन में गाड़ दिया और गलती से उसे संपत्ति का पैसा समझ लिया। जगराम टैक्सी ड्राइवर का काम करता है। वह अपने गांव जाने वाले थे, लेकिन जसवंत के आग्रह पर वह एक दिन जयपुर में रुक गए।
एसीबी ने जगराम के इंदिरा गांधी नगर स्थित घर से 20 लाख रुपए की रिश्वत जब्त की। एसीबी अब विधायक जयकृष्ण पटेल के सभी रिश्तेदारों की भूमिका की भी जांच कर रही है। शिकायतकर्ता रवींद्र मीना की शिकायत पर भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के विधायक जयकृष्ण पटेल को गिरफ्तार किया गया।
विधायक ने 10 करोड़ रुपए की मांग की थी।
विधायक ने शिकायतकर्ता से कहा कि अगर वह उन्हें पैसे दे तो वह ये प्रश्न वापस ले लेंगे। बीएपी विधायक और शिकायतकर्ता के बीच बांसवाड़ा में मुलाकात हुई और विधायक को एक लाख रुपए दिए गए। विधायक ने पहले 10 करोड़ रुपए की मांग की थी, लेकिन बाद में किश्तों में 2.5 करोड़ रुपए देने का फैसला हुआ। शिकायतकर्ता आज पहली किश्त के रूप में 20 लाख रुपए देने गया था।
