एक ही दिन में 3 भयानक हादसों से दहला जयपुर शहर, दुर्घटनाओं में 12 लोगों की मौत और 2 दर्जन से ज्यादा लोग घायल

राजस्थान में पिछले 24 घंटे सड़क हादसों के लिहाज से बेहद भयावह रहे। प्रदेश के तीन अलग-अलग जिलों जैसलमेर, जालौर और जयपुर ग्रामीण में हुए तीन भीषण सड़क हादसों में दूल्हा-दुल्हन समेत 12 लोगों की जान चली गई, जबकि 24 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इन हादसों ने न सिर्फ कई परिवारों की खुशियां छीन लीं, बल्कि प्रदेश की सड़कों पर तेज रफ्तार और लापरवाही का खतरनाक सच भी उजागर कर दिया। जैसलमेर में दूल्हे समेत 3 की मौत, दुल्हन समेत कई घायल जैसलमेर जिले के बासनपीर गांव के पास मंगलवार देर रात हुए दर्दनाक हादसे में दूल्हा लीला राम (45), उसकी बहन मूली देवी (35) और 9 महीने के बच्चे हितेश की मौत हो गई। ये सभी लोग शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन के साथ कार से लौट रहे थे, तभी अज्ञात वाहन ने इनकी कार को टक्कर मार दी। हादसे में दुल्हन बसंती (40), अशोक, हेमलता और पुखराज गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को जोधपुर रेफर किया गया है। पुलिस टक्कर मारने वाले वाहन की तलाश कर रही है, जो मौके से फरार हो गया।
जालोर में बैल को बचाने के प्रयास में आमने-सामने की टक्कर, 4 लोगों की मौत, 12 घायल
इसी रात राजस्थान के जालोर जिले के चरली गांव के पास एनएच-325 पर दो वाहनों की आमने-सामने की टक्कर में एक महिला समेत चार लोगों की जान चली गई। हादसा एक बैल को बचाने के प्रयास में हुआ, जिससे एक वाहन अनियंत्रित होकर सामने से आ रहे वाहन से टकरा गया। मृतकों में उम्मेदपुर निवासी पूरन सिंह, जगदीश सिंह, रखमा देवी और शारदा शामिल हैं। हादसे में 12 अन्य लोग घायल हुए हैं, जिनका सुमेरपुर और आहोर के सरकारी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। टक्कर इतनी भीषण थी कि दोनों वाहन चकनाचूर हो गए और कई लोग वाहनों में बुरी तरह फंस गए।
जयपुर से लौट रही बारात कंटेनर से टकराई, दुल्हन समेत 5 लोगों की मौत
बुधवार सुबह जयपुर ग्रामीण के रायसर थाना क्षेत्र में दौसा-मनोहरपुर हाईवे पर बारातियों से भरी गाड़ी सामने से तेज रफ्तार से आ रहे कंटेनर से टकरा गई। इस हादसे में दुल्हन भारती मीना (18) समेत 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूल्हा और 8 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में झुंझुनू, सीकर और मध्य प्रदेश के लोग शामिल हैं। हादसे के वक्त बारात मध्य प्रदेश से लौट रही थी। बताया जा रहा है कि कंटेनर एक ट्रक को ओवरटेक कर रहा था, इसी दौरान आमने-सामने की टक्कर हो गई। हादसे के बाद हाईवे पर लंबा जाम लग गया, जिसे पुलिस ने क्रेन की मदद से हटवाया।
तेज रफ्तार और लापरवाही बनी मौत की वजह
इन तीनों हादसों में एक बात समान है कि तेज रफ्तार और लापरवाही सभी में मुख्य वजह बनकर उभरी है। चाहे वह सांड को बचाने का प्रयास हो, ओवरटेक करने का प्रयास हो या फिर किसी अज्ञात वाहन से लापरवाही से हुई टक्कर।प्रत्येक मामले में नियमों की अनदेखी ने अनगिनत जिंदगियों को खतरे में डाला है। गौर करने वाली बात यह भी है कि इन हादसों में दो विवाहित जोड़े भी प्रभावित हुए हैं, जिनका खुशियों का दिन मातम में बदल गया।
सवालों के घेरे में यातायात व्यवस्था
इन हादसों ने राजस्थान की यातायात व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा मानकों की कमी, रात में तेज गति से चलने वाले वाहनों की निगरानी न होना और स्थानीय पुलिस की गति पर लगाम लगाने में नाकामी चिंता का विषय है।
कितनी सुरक्षित हैं राजस्थान की सड़कें?
राजस्थान में पिछले 24 घंटों में जो कुछ हुआ, वह एक चेतावनी है। लापरवाही, जल्दबाजी और नियमों की अनदेखी की कीमत जान देकर चुकानी पड़ती है। इन हादसों ने कई परिवारों की खुशियां छीन ली हैं और प्रदेश को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या वाकई हमारी सड़कें सुरक्षित हैं?