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Ahmedabad Plane Crash की रिपोर्ट पर अशोक गहलोत ने उठाए गंभीर सवाल, 260 मौतों का कारण पूछते हुए की न्यायिक जांच की मांग

 
Ahmedabad Plane Crash की रिपोर्ट पर अशोक गहलोत ने उठाए गंभीर सवाल, 260 मौतों का कारण पूछते हुए की न्यायिक जांच की मांग

12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे में 260 लोगों की जान चली गई थी। इस मामले को लेकर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र की मोदी सरकार से सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में न्यायिक जाँच की माँग की है। गहलोत ने आरोप लगाया कि पायलटों को बलि का बकरा बनाना सबसे आसान है क्योंकि वे अपना पक्ष रखने के लिए जीवित नहीं हैं।

सभी पहलुओं की गहन जाँच हो - गहलोत

दरअसल, अशोक गहलोत ने इस हादसे की सच्चाई सामने लाने और हवाई यात्रा में आम लोगों का विश्वास बहाल करने के लिए एक स्वतंत्र जाँच आयोग गठित करने पर ज़ोर दिया है। उन्होंने कहा कि इस आयोग में भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों और विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञों को शामिल किया जाना चाहिए, ताकि हादसे के सभी पहलुओं की गहन जाँच हो सके।

गहलोत ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी माँग दोहराते हुए कहा कि भारत सरकार को अहमदाबाद विमान हादसे की पूरी सच्चाई सामने लाने और हवाई यात्रा में आम लोगों का विश्वास बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग गठित करना चाहिए।उन्होंने विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट पर सवाल उठाए, जिसमें कहा गया था कि दुर्घटना का कारण कुछ पलों के लिए ईंधन स्विच का कट जाना था। गहलोत ने कहा कि मृत पायलटों पर आरोप लगाना आसान है, क्योंकि वे अभी अपना पक्ष नहीं रख सकते।

पायलटों ने ईंधन स्विच क्यों बंद किया होगा?

उन्होंने कहा कि कई विशेषज्ञों का मानना है कि इतना अनुभवी और स्वस्थ पायलट जानबूझकर ईंधन स्विच क्यों बंद करेगा? मैं स्वयं नागरिक उड्डयन मंत्री रहा हूँ और मुझे भी इस रिपोर्ट पर संदेह है। गहलोत ने कहा कि दुर्घटना को एक महीने से ज़्यादा समय बीत जाने के बावजूद, मीडिया, सोशल मीडिया और वैश्विक विमानन जगत में इसकी चर्चा अभी भी जारी है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में आशंकाएँ बढ़ रही हैं। सभी देशवासी जानना चाहते हैं कि 260 लोगों की मौत का कारण क्या था।

AAIB रिपोर्ट में यह दावा

बता दें, AAIB रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटना का कारण ईंधन स्विच का कट जाना था। इसमें पायलटों के बीच हुई आखिरी बातचीत का ज़िक्र है, जिसमें सह-पायलट क्लाइव कुंदर ने कैप्टन सुमित सभरवाल से पूछा था कि आपने ईंधन स्विच क्यों बंद कर दिया? जबकि कैप्टन ने इससे इनकार किया था।

अमेरिकी जाँचकर्ताओं ने दावा किया कि कैप्टन सभरवाल ने जानबूझकर ईंधन स्विच बंद कर दिया था। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में कॉकपिट की आवाज़ों की रिकॉर्डिंग का हवाला देते हुए कहा गया है कि सह-पायलट हैरान और घबराया हुआ था, जबकि कैप्टन शांत दिखाई दे रहा था। रिपोर्ट के अनुसार, कैप्टन सभरवाल के पास 15,638 घंटे और सह-पायलट कुंदर के पास 3,403 घंटे उड़ान का अनुभव था।