अशोक गहलोत का गजेंद्र सिंह शेखावत पर पलटवार: "संजीवनी घोटाले से बचना चाहते हैं मंत्री"
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच चल रहा मानहानि विवाद अब और तीखा हो गया है। रविवार को अशोक गहलोत ने पलटवार करते हुए शेखावत पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि वे संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले में जवाबदेही से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
🧾 क्या कहा गहलोत ने?
गहलोत ने बयान जारी कर कहा:
"गजेंद्र सिंह शेखावत संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले में फंसे हुए हैं, जिसमें हजारों निवेशकों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की गई थी। इसके बावजूद वे खुद को बचाने के लिए मानहानि का सहारा ले रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि इस मामले में कई FIR दर्ज हैं और जांच एजेंसियों के पास पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह घोटाला संगठित तरीके से किया गया।
⚖️ पृष्ठभूमि – मानहानि विवाद
गजेंद्र सिंह शेखावत ने अशोक गहलोत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत ने उन्हें संजीवनी घोटाले से जोड़कर उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया है। इस केस की सुनवाई दिल्ली की एक अदालत में चल रही है।
🔍 संजीवनी घोटाला क्या है?
संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी पर आरोप है कि उसने राजस्थान समेत कई राज्यों के हजारों निवेशकों को ग़लत तरीके से उच्च रिटर्न का लालच देकर करोड़ों रुपये की ठगी की। निवेशकों का कहना है कि उन्हें उनकी जमा पूंजी तक नहीं लौटाई गई।
🗣️ राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
गहलोत का यह बयान साफ तौर पर यह संकेत देता है कि कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर शेखावत पर राजनीतिक दबाव बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रही है, जबकि भाजपा इस मुद्दे को गहलोत की छवि खराब करने की साजिश बता रही है।
