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अशोक गहलोत का बड़ा आरोप, 'संचार साथी ऐप से हर नागरिक की जासूसी कर रही भाजपा सरकार'

अशोक गहलोत का बड़ा आरोप, 'संचार साथी ऐप से हर नागरिक की जासूसी कर रही भाजपा सरकार'
 
अशोक गहलोत का बड़ा आरोप, 'संचार साथी ऐप से हर नागरिक की जासूसी कर रही भाजपा सरकार'

संचार साथी मोबाइल ऐप को लेकर आजकल राजनीतिक हंगामा मचा हुआ है। सरकार बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड का हवाला देते हुए इस ऐप को सभी फोन में पहले से इंस्टॉल करना चाहती है, वहीं विपक्षी पार्टियां इसे "स्पाई ऐप" कह रही हैं और नागरिकों की प्राइवेसी में दखल देने का आरोप लगा रही हैं। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ऐप पर सवाल उठाए हैं और इसे सरकार की जासूसी करने की कोशिश बताया है।

गहलोत ने ट्वीट किया कि हर मोबाइल फोन में संचार साथी ऐप इंस्टॉल करना BJP सरकार की हर नागरिक की प्राइवेसी का उल्लंघन करने और उनकी जासूसी करने की कोशिश है। यह सर्विलांस राज का एक नया लेवल है। अब सरकार को पता चल जाएगा कि नागरिक अपने मोबाइल फोन पर किससे और क्या बात करते हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर इसके लिए सुरक्षा कारणों का ज़िक्र किया जा रहा है, तो सर्विलांस के नियम और कानून पहले से ही मौजूद हैं। यह देश के सभी नागरिकों को डराने और ब्लैकमेल करने की कोशिश है। सभी नागरिकों को एकजुट होकर इसका विरोध करना चाहिए।

कम्युनिकेशन राज्य मंत्री ने कहा कि आरोप बेबुनियाद हैं।

कम्युनिकेशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद, कम्युनिकेशन स्टेट मिनिस्टर चंद्रशेखर पेम्मासानी ने भी दावा किया कि संचार साथी किसी भी दूसरे ऐप की तरह है, जिसे यूज़र अपने फ़ोन पर एक्टिवेट या डिलीट कर सकते हैं। इसे ज़रूरी बनाने के पीछे सरकार का मकसद ऑनलाइन फ्रॉड की रिपोर्ट करना और खोए हुए मोबाइल फ़ोन ढूंढना है।