Aapka Rajasthan

संग्रहालय की छत पर छिपी कलाकृतियां, वीडियो में देखें "अल्बर्ट हॉल जयपुर" का नक्काशीदार इतिहास

 
संग्रहालय की छत पर छिपी कलाकृतियां, वीडियो में देखें "अल्बर्ट हॉल जयपुर" का नक्काशीदार इतिहास

जयपुर न्यूज़ डेस्क,  क्या आप जानते हैं कि मिस्र के पिरामिडों में ही नहीं बल्कि हमारे देश में भी हजारों साल पुरानी ममी हैं? चौंकिए मत, फिल्मों, किताबों, पत्रिकाओं में ही नहीं बल्कि जयपुर के प्रसिद्ध अल्बर्ट म्यूजियम में भी आप ममियों को देख सकते हैं। यहां आप एक महिला की 2340 साल पुरानी ममी देख सकते हैं जो इन दिनों सुर्खियों में है। हाल ही में इस ममी की स्थिति की जांच के लिए मिस्र के विशेषज्ञों को बुलाया गया था। अल्बर्ट म्यूजियम से मिली जानकारी के अनुसार यह ममी मिस्र के पुराने शहर पैनोपोलिस में खुदाई के दौरान मिली थी। यह ममी जिस महिला की है उसका नाम 'टूटू' है। कहा जाता है कि उस समय मिस्र में खेम नाम के देवता की पूजा की जाती थी। यह महिला उसी देवता के पुजारियों के परिवार की सदस्य थी।


महिला की ममी को ब्रिटिश सरकार वर्ष 1880 में मिस्र से भारत लेकर आई थी। तब से इसे जयपुर के अल्बर्ट म्यूजियम में सुरक्षित रखा गया है। इस ममी को देखने के लिए हर साल सैकड़ों पर्यटक आते हैं। इनमें विदेशी पर्यटकों की भी अच्छी खासी संख्या है। अगर आप सोच रहे हैं कि आप सिर्फ जयपुर के अल्बर्ट म्यूजियम में ही ममियां देख सकते हैं तो आपको जानकर खुशी होगी कि जयपुर समेत देश के 6 शहरों के म्यूजियम में ममियां रखी हुई हैं। ये हैं कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, हैदराबाद और गुजरात का वडोदरा म्यूजियम। वडोदरा म्यूजियम की ममी को वडोदरा के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय ने खरीदकर म्यूजियम में रखवाया था। यह ममी मिस्र के शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाली 20 साल की लड़की की है।

,काहिरा के विशेषज्ञ करते हैं इन ममियों की देखभाल

मिस्र के पिरामिडों की देखभाल करने वाले मिस्र के काहिरा म्यूजियम के विशेषज्ञों के निर्देशानुसार इन ममियों की देखभाल की जाती है। इस बार मिस्र से आए तीन सदस्यों की टीम ने रसायन विभाग की टीम के साथ अल्बर्ट म्यूजियम में रखी ममी की करीब ढाई घंटे तक जांच की। आज भी ममी का शरीर वैसा ही दिखता है, जैसे इस महिला की मौत अभी कुछ देर पहले ही हुई हो।

,जब ममियों की बिक्री शुरू हुई
हालांकि ममियों को बनाने की परंपरा खत्म हो चुकी थी, लेकिन ममियां इतनी बड़ी संख्या में जमा हो गई थीं कि उन्हें संभालना आसान नहीं था। इसलिए 19वीं सदी में ममियों की बिक्री शुरू हुई। इसी दौरान एशिया के अमीर लोगों में ममियों को खरीदने का चलन बढ़ने लगा। ये लोग शौक से ममियों को खरीदते थे और उन्हें सीधे लोगों के बीच ले आते थे। मिस्र की ममियों पर हॉलीवुड में कई फिल्में और फिल्मों की सीरीज बनी हैं। इनमें 'द ममी' सबसे बेहतरीन फिल्म मानी जा सकती है। अगर आप फंतासी और रहस्य-रोमांच वाली फिल्मों के शौकीन हैं, तो आपको यह फिल्म पसंद आएगी।

बॉलीवुड की इन फिल्मों की हुई शूटिंग
राजस्थान के इस ऐतिहासिक संग्रहालय में सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म शुद्ध देसी रोमांस के कुछ हिस्सों की शूटिंग हो चुकी है। सुपरहिट कॉमेडी फिल्म भूल भुलैया और 2016 में आई फिल्म रईस की शूटिंग भी यहीं हुई है।