Jaipur बच्चों की रुचि और क्षमताओं को समझने के लिए स्कूलों में आयोजित हो रहे एप्टीट्यूड टेस्ट
टेस्ट की रिपोर्ट अभिभावकों के साथ भी साझा की जाती है। उनके लिए अलग से सेशन आयोजित किए जाते हैं। जिसमें उन्हें उनके बच्चे की खूबियों और खामियों से अवगत कराया जाता है। मनोचिकित्सकों का कहना है कि बच्चों के लिए इस तरह के टेस्ट काफी फायदेमंद साबित हो रहे हैं। इससे अभिभावकों को बच्चों की रुचि, कौशल और मानसिक स्थिति के बारे में पता चलता है। ऐसे कई प्रकार के परीक्षण होने से अभिभावक बच्चों की क्षमताओं को बेहतर तरीके से जान लेते हैं और बेहतर भविष्य में उनकी मदद करते हैं। बच्चों को उसी क्षेत्र की ओर से आगे बढ़ाते हैं।
इस टेस्ट का उद्देश्य बच्चों के लिए बेहतर प्रदर्शन की योजना बनाने, निर्णय लेने, समस्याओं को हल करने और कार्यों को प्राथमिकता देने की क्षमता को मापना है। साथ ही यह टेस्ट बच्चों की संगठनात्मक क्षमताओं को भी परखता है। कई स्कूलों में इस तरह के एप्टीट्यूड टेस्ट, एक्सीक्यूटिव फंक्शनिंग टेस्ट आयोजित किए जा रहे हैं। हर टेस्ट का एक अलग उद्देश्य होता है। बच्चों को कई तरह की कहानियां सुनाई जाती हैं। कई टास्क देने के साथ उनसे सवाल-जवाब किए जाते हैं। संगीत, कला और खेल के बारे में भी उनसे बात की जाती हैं। बच्चों की प्रतिक्रिया पर पूरा ध्यान दिया जाता है। बच्चों की तर्कशक्ति, समस्या सुलझाने की क्षमता, गणितीय सोच, भाषा कौशल के बारे में जानकरी एकत्र की जाती है। अभिभावकों को भी इसके बारे में बताया जाता है।