राजस्थान में वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के लिए आवेदन हुए शुरू, 2 मिनट के वीडियो में जाने इस दिन से शुरू होगी 56 हजार श्रद्धालुओं की यात्रा
राजस्थान सरकार द्वारा संचालित वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के तहत इस वर्ष तीर्थ यात्रा के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया आज से शुरू कर दी गई है। यह योजना राज्य के बुजुर्ग नागरिकों को धार्मिक स्थलों की यात्रा का अवसर प्रदान करती है, और इस बार सरकार की ओर से कुल 56,000 वरिष्ठ नागरिकों को यात्रा कराई जाएगी।
इस योजना के तहत यात्रियों को ट्रेन के साथ-साथ हवाई जहाज से भी यात्रा कराई जाएगी, जिससे वे दूर-दराज के तीर्थ स्थलों तक आसानी से पहुंच सकें। इस बार की योजना में कुल 15 प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों को शामिल किया गया है।
✦ आवेदन प्रक्रिया
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस योजना के लिए आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम से ही स्वीकार किए जाएंगे। इसके लिए नागरिकों को राजस्थान सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या ई-मित्र केंद्रों के माध्यम से आवेदन करना होगा।
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आवेदन की अंतिम तिथि जल्द ही घोषित की जाएगी, इसलिए इच्छुक वरिष्ठ नागरिकों को समय रहते आवेदन करने की सलाह दी गई है।
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आवेदक की आयु 60 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
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आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, राशन कार्ड, और मेडिकल फिटनेस प्रमाणपत्र देना आवश्यक है।
✦ ट्रेन और हवाई यात्रा दोनों विकल्प
पिछले वर्षों की तुलना में इस बार की योजना अधिक विस्तृत और समावेशी है। यात्रा के लिए राज्य सरकार ने ट्रेन के साथ-साथ हवाई यात्रा का भी विकल्प दिया है, जिससे वरिष्ठ नागरिक कम समय में अधिक आरामदायक यात्रा कर सकें।
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ट्रेन यात्रा अधिकतर उत्तर भारत के तीर्थ स्थलों के लिए होगी।
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हवाई यात्रा उन स्थलों के लिए प्रस्तावित है जो भौगोलिक रूप से दूर हैं, जैसे दक्षिण भारत या पूर्वोत्तर भारत के तीर्थ स्थल।
✦ शामिल तीर्थ स्थल
इस वर्ष की यात्रा सूची में जिन 15 तीर्थ स्थलों को शामिल किया गया है, उनमें कुछ प्रमुख स्थल हैं:
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वैष्णो देवी (जम्मू)
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रामेश्वरम (तमिलनाडु)
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द्वारका (गुजरात)
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पुरी (ओडिशा)
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उज्जैन (मध्य प्रदेश)
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तिरुपति बालाजी (आंध्र प्रदेश)
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शिर्डी (महाराष्ट्र)
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अमृतसर (पंजाब)
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काशी (उत्तर प्रदेश)
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प्रयागराज
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गंगासागर (पश्चिम बंगाल)
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हरिद्वार
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बद्रीनाथ
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मथुरा-वृंदावन
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गिरनार
✦ उद्देश्य और लाभ
राज्य सरकार का उद्देश्य न केवल वरिष्ठ नागरिकों को धार्मिक आस्था से जोड़े रखना है, बल्कि उन्हें सम्मान के साथ यात्रा का अवसर भी देना है। यह योजना सामाजिक समावेशिता और बुजुर्गों के प्रति संवेदनशील शासन का परिचायक है।
