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अजमेर शरीफ के अलावा राजस्थान की ये 5 दरगाहें भी मन्नतों के लिए मशहूर हैं, 2 मिनट के शानदार वीडियो में जानिए इनके चमत्कारी किस्से

अजमेर शरीफ के अलावा राजस्थान की ये 5 दरगाहें भी मन्नतों के लिए मशहूर हैं, 2 मिनट के शानदार वीडियो में जानिए इनके चमत्कारी किस्से
 
अजमेर शरीफ के अलावा राजस्थान की ये 5 दरगाहें भी मन्नतों के लिए मशहूर हैं, 2 मिनट के शानदार वीडियो में जानिए इनके चमत्कारी किस्से

राजस्थान को अक्सर किलों, महलों और रेगिस्तानी सौंदर्य के लिए जाना जाता है, लेकिन इस मिट्टी में सूफी परंपरा की भी गहरी जड़ें हैं। अजमेर शरीफ की दरगाह को तो हर कोई जानता है, लेकिन बहुत से लोग इस बात से अनजान हैं कि राजस्थान में और भी कई चमत्कारी दरगाहें मौजूद हैं, जहां न केवल मुस्लिम श्रद्धालु बल्कि हर धर्म के लोग अपनी मन्नतें लेकर पहुंचते हैं। यहां की दरगाहों में सिर्फ ईंट-पत्थर नहीं, बल्कि आस्था, इतिहास और इंसानियत की रूह बसती है।राजस्थान की ये 5 दरगाहें अजमेर शरीफ जितनी प्रसिद्ध भले न हों, लेकिन इनके चमत्कारों और श्रद्धा की कहानियां आज भी लोगों की जुबान पर हैं। आइए जानते हैं इन सूफियाना स्थलों के बारे में—


1. गालिब शाह बाबा की दरगाह – बीकानेर
बीकानेर शहर के ह्रदय में स्थित गालिब शाह बाबा की दरगाह एक बेहद प्रसिद्ध सूफी तीर्थस्थल है। मान्यता है कि बाबा ने अपने समय में चमत्कारों से कई बीमारों को ठीक किया और लोगों की मुश्किलें दूर कीं।हर गुरुवार को यहां सैकड़ों श्रद्धालु चादर चढ़ाने, मन्नतें मांगने और दुआएं करने आते हैं। हिंदू, मुस्लिम, सिख – सभी धर्मों के लोग यहां समान श्रद्धा से आते हैं। खास बात यह है कि यहां पर चढ़ाई गई चादरें हर शुक्रवार को गरीबों में बांटी जाती हैं, जो दरगाह को सेवा और मानवता का प्रतीक बनाती हैं।

2. भूरीवाली सरकार की दरगाह – झुंझुनूं
राजस्थान के झुंझुनूं जिले में स्थित यह दरगाह एक रहस्यमयी स्थान मानी जाती है। यहां के बारे में कहा जाता है कि जो भी सच्चे दिल से मन्नत मांगता है, उसकी बात पूरी होती है।दरगाह में बाबा की कब्र पर भूरी रंग की चादर चढ़ाई जाती है, इसलिए इन्हें "भूरीवाली सरकार" कहा जाता है। यह दरगाह अपने आप में एक शांत और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरी हुई लगती है। यहां अक्सर लोगों को चमत्कारी अनुभव होते हैं – जैसे खोई हुई चीज़ें मिल जाना, इलाज में सुधार या कारोबार में बरकत।

3. मीरा दातार बाबा की दरगाह – नागौर
नागौर जिले की यह दरगाह मानसिक शांति और बीमारी से निजात दिलाने के लिए मशहूर है। माना जाता है कि बाबा मीरा दातार ने अपनी साधना से लोगों की हर समस्या को दूर किया।कई लोग यहां मानसिक तनाव, बुरी शक्तियों या पारिवारिक संकट से छुटकारा पाने के लिए आते हैं। दरगाह पर झाड़-फूंक जैसी किसी रूढ़ि का सहारा नहीं लिया जाता, बल्कि दुआओं और आत्मविश्वास से ही लोग बेहतर महसूस करते हैं। रविवार और गुरुवार को यहां विशेष भीड़ रहती है, और यहां की कव्वालियों में भी सूफी संत की झलक मिलती है।

4. ताजुद्दीन बाबा की दरगाह – झालावाड़
ताजुद्दीन बाबा की दरगाह झालावाड़ में स्थित है और यह जगह अपने शांति, साधना और रहस्यमयी अनुभवों के लिए मशहूर है। यहां की सबसे खास बात यह है कि दरगाह में प्रवेश करते ही एक अलग तरह की सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है।
कई श्रद्धालु कहते हैं कि यहां आने के बाद उनकी ज़िंदगी में अचानक से सकारात्मक बदलाव आए – नौकरी मिली, रिश्ते सुधरे या सेहत में सुधार हुआ।हर साल उर्स के मौके पर यहां हजारों लोग आते हैं, और दरगाह प्रबंधन द्वारा लंगर और चाय वितरण की शानदार व्यवस्था की जाती है।

5. पथवारी सरकार की दरगाह – अलवर
अलवर जिले की यह दरगाह चमत्कारी मानी जाती है, खासकर उन महिलाओं के लिए जो संतान सुख की इच्छा रखती हैं। यहां मान्यता है कि जो भी महिला श्रद्धा से दुआ मांगती है, उसकी कोख हरी होती है।दरगाह परिसर बेहद शांत, हरे-भरे वातावरण में स्थित है और लोगों को ध्यान व इबादत के लिए उपयुक्त माहौल मिलता है।यहां की एक और खासियत यह है कि दरगाह की सेवा में लगे लोग जाति-धर्म नहीं पूछते – सेवा ही उनका धर्म है।

निष्कर्ष:
राजस्थान की ये दरगाहें सिर्फ धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि इंसानियत, शांति और सांझी संस्कृति के प्रतीक हैं। अजमेर शरीफ की दरगाह भले अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर चुकी हो, लेकिन राज्य की इन कम जानी-पहचानी दरगाहों में भी वही शक्ति, आस्था और चमत्कारी अनुभव छिपे हैं।अगर आप कभी राजस्थान जाएं तो इन सूफी स्थलों पर ज़रूर जाएं, शायद आपकी भी कोई मुराद पूरी हो जाए। और हां, वहां से लौटते वक्त किसी गरीब को रोटियां ज़रूर खिला देना – यही असली इबादत है।