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भजनलाल सरकार का एक और बड़ा फैसला, अब इन कामों की होगी जांच

 
भजनलाल सरकार का एक और बड़ा फैसला, अब इन कामों की होगी जांच

जयपुर न्यूज़ डेस्क, भाजपा सरकार अब पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में प्रशासन शहरों के संग अभियान में दिए गए पट्टों की जांच कराएगी। इसके लिए सैटेलाइट इमेज का भी सहारा लिया जाएगा, ताकि पत्ता लगाया जा सके कि जब पट्टे जारी किए गए, उस दौरान वहां योजना या भवन था भी या नहीं। जयपुर सहित प्रदेश के कई नगरीय निकायों में पट्टे जारी करने में बड़ी गड़बड़ी सामने आने के बाद नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग जांच करने जा रहा है। गलत पट्टों को निरस्त किया जाएगा। नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खरों ने इस संबंध में अफसरों को दिशा-निर्देश भी दे दिए है। इसके लिए सरकार सार्वजनिक सूचना जारी कर अधिकारिक रूप से शिकायत आमंत्रित करेगी। प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत पिछली सरकार ने 9 लाख 33 हजार 258 पट्टे जारी किए गए थे। उधर, प्रदेशभर की सभी नगर निकायों के सीमांकन भी फिर से किए जाएंगे। जरूरत पड़ी तो इसका विस्तार किया भी जाएगा। पहले कहीं कोई गलत सीमांकन हुआ है, तो उसमें सुधार होगा। अभी करीब 250 नगरीय निकाय है। कई निकायों में नवम्बर में चुनाव भी है।

नए कलेवर में हो सकता है अभियान

प्रशासन शहरों के संग अभियान की शुरुआत नए कलेवर में हो सकती है। सरकार अभियान की अवधि बढ़ाने को मंथन कर रही है। अभियान में दी गई अधिकतर छूटें यथावत भी रखी जा सकती है। ऐसा हुआ तो अभियान में पट्टे सहित समस्त सेवाएं ऑनलाइन होगी।

दोषी अधिकारियों पर होगा एक्शन
जांच में अनियमित या गड़बड़ पाई जाती है तो संबंधित पट्टे को निरस्त कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही वर्तमान में भी प्रदेशभर में पट्टों को लेकर काफी प्रकरण लंबित चल रहे हैं।

पहले जो गलत हुआ है, उसे सुधारेंगे…

पूर्ववर्ती सरकार ने पट्टों में बड़ी गड़बड़ियां की हैं। इनकी जांच शुरू कर रहे हैं। सार्वजनिक सूचना भी जारी की जाएगी। निकायों को दोबारा सीमांकन करेंगे, ताकि कांग्रेस सरकार ने जो गलत किया है उसे सुधारा जा सके।
झाबर सिंह खर्रा, यूडीएच मंत्री
तो क्या फिर एक ही होगा नगर निगम
नए सिरे से सीमांकन में जयपुर, जोधपुर, कोटा भी दायरे में आएंगे। ऐसे में इन तीनों शहरों में दो नगर निगम की बजाय वापस एक ही निगम बनाने की संभावना ने भी जोर पकड़ा है। क्योंकि, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के इस फैसले का भाजपा ने विरोध किया था।