Jaipur पालनपुर-रेवाड़ी के बीच हर 7 किमी पर गति पर अजमेर मंडल ने मनमाने ढंग से लगाए स्पीड ब्रेकर
अजमेर के पास मदार में हुए ट्रेन एक्सीडेंट के बाद जयपुर से दिल्ली तक हड़कंप मच गया। हालांकि गनीमत रही कि हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। पूरे हादसे की पैरेलल इन्वेस्टिगेशन की तो इसमें बड़ा खुलासा हुआ। जिस पर मुहर रेलवे बोर्ड के डीजी/सेफ्टी अग्रवाल ने लगाई। ट्रेन ऑपरेशन एक्सपर्ट डीपी मिश्रा और आशीष पुरोहित बताते हैं कि पालनपुर से मदार के बीच की दूरी करीब 715 किमी है। इस दूरी के बीच रेलवे ने 80 स्थाई गति प्रतिबंध (पीएसआर) और करीब 20 अस्थायी गति प्रतिबंध (टीएसआर) लगाए हुए हैं।
इसका मतलब औसतन प्रत्येक 7 किमी के बाद लोको पायलट को ट्रेन की स्पीड कम या ज्यादा करनी पड़ती है। इसमें भी अकेले अजमेर मंडल ने नवीनतम तकनीक एलएचबी रैक और परंपरागत तकनीक आईसीएफ रैक के लिए अलग-अलग स्पीड के मापदंड बनाए हुए हैं। इसका खुलासा डीजी/सेफ्टी की जांच में हुआ है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया कि हादसे की बड़ी वजह रेलवे द्वारा लगाए जाने वाले गति प्रतिबंध (एसआर) ही हैं। हालांकि रेलवे ये ट्रैक की लेंथ, स्ट्रेंथ और कर्व आदि तकनीकी कारणों को देखकर ही लगाता है। लेकिन बड़ा सवाल यही खड़ा होता है कि एक तरफ हम बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ इस तरह के हादसे रेलवे के एक्सिक्टिंग ट्रैक पर भी बड़ा सवाल खड़ा करते हैं।
ट्रेनों की स्पीड बढ़ाई, लेकिन 18 स्पीड ब्रेकर भी बढ़ा दिए
रेलवे द्वारा पिछले दिनों अजमेर (मदार) से रेवाड़ी के बीच ट्रेनों की स्पीड 110 से बढ़ाकर 130 किमी प्रति घंटा कर दी गई है। हालांकि अभी चरणबद्ध तरीके से इसे वंदे भारत, राजधानी, शताब्दी सहित 5 ट्रेनों पर लागू किया है। लेकिन इसके साथ ही स्पीड ब्रेकर (एसआर) भी बढ़ा दिए हैं। ट्रेन ऑपरेशन एक्सपर्ट डीएल तनेजा बताते हैं कि रेलवे ने मदार से रेवाड़ी के बीच ट्रेनों की स्पीड 130 केएमपीएच कर दी है। लेकिन इसके साथ ही इस दूरी के बीच 18 नए स्पीड ब्रेकर (पीएसआर) भी लगा दिए गए हैं। जबकि यहां पहले से ही 13 जगह स्पीड ब्रेकर लगे हुए हैं। लोको पायलट एसोसिशन (अलरसा) इसे लेकर लगातार विरोध कर रही है। उनकी प्रशासन से दलील है कि इन स्पीड ब्रेकर (पीएसआर/टीएसआर) से लोको पायलट दबाव में ट्रेन संचालन करते हैं। वहीं ये ट्रेन हादसे की बड़ी वजह भी है।