कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा जमकर बरसे, वीडियो में जानें रणथंभौर के अधिकारियों पर कसा तंज

राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने रणथंभौर में अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वहां के अधिकारी "नशे में चूर" रहते हैं और नियमों को ताक पर रखकर अव्यवस्थित तरीके से कार्य कर रहे हैं। मंत्री का यह बयान रणथंभौर में सोमवार को टाइगर के हमले में हुई राधेश्याम माली की मौत को लेकर चल रहे धरना-प्रदर्शन के संदर्भ में आया, जहां वह धरना खत्म कराने पहुंचे थे।
कृषि मंत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, "रणथंभौर के अधिकारी नशे में रहते हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इन अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है और वहां बैठकर जनता का शोषण कर रहे हैं। यह स्थिति बेहद गंभीर है और अब इसे बदलना होगा।" उन्होंने यह भी कहा कि वह खुद आत्मावलोकन कर रहे हैं और किसी भी स्थिति में अब जनता से अन्याय नहीं होने देंगे।
राधेश्याम माली की मौत और धरना
यह घटनाक्रम तब सामने आया जब रणथंभौर क्षेत्र में सोमवार को टाइगर के हमले में राधेश्याम माली नामक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके बाद स्थानीय लोगों ने सरकार और वन विभाग के खिलाफ धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया, उनका कहना था कि इस हादसे के लिए वन विभाग की लापरवाही जिम्मेदार है।
मंत्री किरोड़ी लाल मीणा इस प्रदर्शन को शांत कराने के लिए रणथंभौर पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने मौके पर अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए और यह स्पष्ट किया कि इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री का आत्मावलोकन
कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि वह खुद इस मामले में गहरी रुचि ले रहे हैं और किसी भी स्तर पर किसी प्रकार का अन्याय नहीं होने देंगे। "मैं इस घटनाक्रम पर पूरी तरह से विचार कर रहा हूं और इसे किसी भी हालत में नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।" उन्होंने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण ऐसी घटनाएं हो रही हैं और इसे सुधारने के लिए वह आवश्यक कदम उठाएंगे।
आरोपों का असर
कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का यह बयान प्रशासन और वन विभाग के लिए चिंता का विषय बन सकता है। उनका आरोप साबित होने पर अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की संभावना है, जो निश्चित रूप से क्षेत्रीय प्रशासन के कार्यों पर सवाल खड़ा करेगा।