कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने मेवाड़ यूनिवर्सिटी का किया औचक निरीक्षण, कहा—‘भविष्य बर्बादी की फैक्ट्री’
चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार स्थित मेवाड़ यूनिवर्सिटी में मंगलवार को अचानक पहुंचकर कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने शिक्षा व्यवस्था की जांच की। पहले से मिली शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए मंत्री ने मौके पर जाकर हालात का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान मंत्री ने विश्वविद्यालय की स्थिति को देखकर गहरा आक्रोश व्यक्त किया और इसे "भविष्य बर्बादी की फैक्ट्री" करार दिया।
बिना पढ़ाई और पारदर्शी परीक्षा के डिग्री देने का आरोप
मंत्री ने कहा कि मेवाड़ यूनिवर्सिटी में छात्रों को बिना उचित अध्ययन और बिना पारदर्शी परीक्षा प्रक्रिया के पैसे लेकर डिग्रियां प्रदान की जा रही हैं। इस प्रकार की डिग्रियां प्राप्त कर युवा समाज में अपनी योग्यता साबित नहीं कर पाते हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी असफल हो जाते हैं। उन्होंने इस पूरे प्रकरण को शिक्षा व्यवस्था के लिए एक गंभीर खतरा बताया।
शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल
डॉ. मीणा ने कहा, “ऐसे संस्थान युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। अगर युवा शिक्षित नहीं होंगे तो प्रदेश और देश का विकास कैसे होगा?” मंत्री ने विश्वविद्यालय प्रशासन से इस प्रकार की अनियमितताओं को तुरंत बंद करने और पारदर्शी, गुणवत्ता युक्त शिक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
सरकार की निगरानी और कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
कृषि मंत्री ने चेतावनी दी कि यदि इस प्रकार की शिकायतें बरकरार रहीं तो संबंधित विश्वविद्यालय के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कोई समझौता नहीं करेगी और ऐसे संस्थानों को अनुमति देने के मामले में भी पुनर्विचार किया जाएगा।
छात्रों और अभिभावकों में रोष
स्थानीय छात्रों और उनके अभिभावकों ने भी मंत्री की इस कार्रवाई का स्वागत किया है। उनका कहना है कि वर्षों से वे इस विश्वविद्यालय की गिरती शिक्षा गुणवत्ता से परेशान थे। उन्हें उम्मीद है कि अब शिक्षा की गुणवत्ता सुधार होगी और युवा सही मायनों में शिक्षित होकर अपने भविष्य को संवार सकेंगे।
मंत्री की निरीक्षण टीम का आगे का कदम
कृषि मंत्री के नेतृत्व में निरीक्षण टीम ने विश्वविद्यालय के अन्य विभागों की भी जांच शुरू कर दी है। टीम ने प्रशासन से पूरी रिपोर्ट तलब की है और जल्द ही उच्च स्तरीय बैठक में इस पर चर्चा होगी।
राजस्थान में शिक्षा क्षेत्र में सुधार की पहल
यह कदम राजस्थान सरकार की शिक्षा क्षेत्र में सुधार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सरकार ने पहले भी ऐसे कई मामले उजागर किए हैं जहां शिक्षा संस्थान गुणवत्ता के बजाय कमाई को प्राथमिकता देते हैं। अब शिक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए और भी सख्त नियम लागू किए जाएंगे।
