Aapka Rajasthan

वसुंधरा राजे की नाराजगी के बाद सुप्रींटेंडेंट इंजीनियर एपीओ, वीडियो में देखें अन्य अफसरों के खिलाफ भी एक्शन की तैयारी

वसुंधरा राजे की नाराजगी के बाद सुप्रींटेंडेंट इंजीनियर एपीओ, वीडियो में देखें अन्य अफसरों के खिलाफ भी एक्शन की तैयारी
 
वसुंधरा राजे की नाराजगी के बाद सुप्रींटेंडेंट इंजीनियर एपीओ, वीडियो में देखें अन्य अफसरों के खिलाफ भी एक्शन की तैयारी

राजस्थान के झालावाड़ जिले में गंभीर होते पानी संकट को लेकर सरकार ने आखिरकार सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की नाराजगी के बाद प्रदेश सरकार ने इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करते हुए जलदाय विभाग के सुप्रींटेंडेंट इंजीनियर दीपक कुमार झा को उनके पद से हटाकर एपीओ (Awaiting Posting Order) कर दिया है।

जल संकट की स्थिति को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों और स्थानीय जनता में बढ़ते असंतोष के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस मामले को सार्वजनिक रूप से उठाया था और अधिकारियों की लापरवाही पर सवाल खड़े किए थे। उनके बयान के बाद सरकार पर दबाव बना और अब जलदाय विभाग ने कार्रवाई करते हुए दीपक कुमार झा को हटाने का फैसला लिया।

सूत्रों के अनुसार, जलदाय विभाग ने झा के कार्यकाल में पानी वितरण व्यवस्था में भारी अनियमितता, लाइन लीक जैसी समस्याओं का समाधान न होना, और पेयजल आपूर्ति में नियमितता की कमी जैसे कई बिंदुओं को आधार बनाते हुए यह कदम उठाया है।

सरकारी सूत्रों ने यह भी संकेत दिए हैं कि यह सिर्फ शुरुआत है। आने वाले दिनों में विभागीय लापरवाही बरतने वाले अन्य अफसरों पर भी कार्रवाई की जा सकती है। जल संकट के समाधान के लिए सरकार अब नई रणनीति पर काम कर रही है जिसमें आपातकालीन टैंकर आपूर्ति, अस्थाई बोरवेल्स की व्यवस्था, और दीर्घकालिक जल योजना लागू करने की दिशा में विचार किया जा रहा है।

जलदाय विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "सरकार इस मामले को लेकर बेहद गंभीर है। अफसरों की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। झालावाड़ जैसे संवेदनशील जिले में पानी की समस्या को लेकर जनता में रोष है और उसी के मद्देनजर यह कार्रवाई की गई है।"

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि जल आपूर्ति जैसी बुनियादी सुविधा में लापरवाही करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "जनता को राहत देना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। यह सिर्फ राजनीतिक मुद्दा नहीं, जनजीवन से जुड़ा विषय है।"

झालावाड़ जिले में इन दिनों तापमान लगातार बढ़ रहा है और जल स्रोत तेजी से सूख रहे हैं। ऐसे में प्रशासनिक लापरवाही से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। अब सरकार की इस सख्ती से उम्मीद की जा रही है कि जल संकट के समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।

जलदाय विभाग की अगली नियुक्तियों और जल आपूर्ति की निगरानी के लिए एक विशेष निगरानी समिति भी गठित किए जाने की चर्चा है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि सरकार इस संकट से निपटने के लिए जमीनी स्तर पर कितनी प्रभावी कार्यवाही करती है।