Aapka Rajasthan

झालावाड़ और जैसलमेर हादसों के बाद हरकत में आया प्रशासन, फुटेज में देखें प्रदेशभर के 2699 जर्जर भवन होंगे धराशायी

झालावाड़ और जैसलमेर हादसों के बाद हरकत में आया प्रशासन, फुटेज में देखें प्रदेशभर के 2699 जर्जर भवन होंगे धराशायी
 
झालावाड़ और जैसलमेर हादसों के बाद हरकत में आया प्रशासन, फुटेज में देखें प्रदेशभर के 2699 जर्जर भवन होंगे धराशायी

राजस्थान के झालावाड़ और जैसलमेर में हाल ही में हुए दर्दनाक हादसों ने राज्य प्रशासन को झकझोर कर रख दिया है। इन हादसों में जर्जर इमारतों के गिरने से कई लोगों की जान गई, जिसके बाद स्वायत्त शासन विभाग पूरी तरह से एक्टिव मोड में आ गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए गुरुवार को विभाग के शासन सचिव रवि जैन ने प्रदेशभर के 224 नगर निकाय प्रमुखों की आपात बैठक बुलाई।

बैठक में सभी नगर निकायों के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि अपने-अपने क्षेत्र में स्थित खतरनाक और जर्जर भवनों की सूची को प्राथमिकता से अंतिम रूप दें और उन्हें जल्द से जल्द गिराने की प्रक्रिया शुरू की जाए। रवि जैन ने बताया कि राज्यभर में ऐसे 2699 भवन चिन्हित किए गए हैं जो किसी भी समय हादसे का कारण बन सकते हैं।

उन्होंने कहा, “इन भवनों को लेकर कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी। मानव जीवन की सुरक्षा सर्वोपरि है। सभी निकायों को निर्देश दिए गए हैं कि वे 15 दिनों के भीतर ऐसे सभी भवनों को या तो गिरा दें या उनके निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करें।”

बताया जा रहा है कि सबसे अधिक जर्जर भवन शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं, जहां घनी आबादी और पुरानी निर्माण शैली के कारण हादसों का खतरा ज्यादा बना हुआ है। विभाग ने सभी निकायों को निर्देश दिए हैं कि वे स्थानीय पुलिस, नगर विकास न्यास और फायर ब्रिगेड की मदद से यह अभियान चलाएं, ताकि किसी तरह की जनहानि न हो।

इससे पहले झालावाड़ और जैसलमेर में हुए हादसों में सरकारी लापरवाही सामने आई थी, जहां पहले से चिन्हित खतरनाक इमारतों को गिराने में देरी की गई और इसका नतीजा लोगों की जान जाने के रूप में सामने आया।

रवि जैन ने बैठक में यह भी स्पष्ट किया कि निकायों को यदि किसी तरह की तकनीकी या वित्तीय सहायता की जरूरत हो, तो वे तुरंत विभाग से संपर्क करें। राज्य सरकार ने पहले ही चेतावनी दी है कि जर्जर भवनों की अनदेखी करने वाले निकाय अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

स्वायत्त शासन विभाग के इस सख्त रुख से यह उम्मीद की जा रही है कि प्रदेश में जर्जर इमारतों से होने वाले हादसों पर जल्द ही रोक लगेगी और लोगों की जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। साथ ही, निकायों को यह संदेश भी मिल गया है कि अब लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी।