चार महीने बाद भजनलाल सरकार ने बुलाई कैबिनेट और मंत्रिपरिषद बैठक, जाने वीडियो में सेवा नियमों में संशोधन और भूमि आवंटन प्रस्तावों पर चर्चा संभव
राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने करीब चार महीने के लंबे अंतराल के बाद आखिरकार कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई है। सोमवार सुबह मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में यह अहम बैठक शुरू हो गई है। पहले चरण में कैबिनेट की बैठक हो रही है, जिसके बाद मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की जाएगी।
इस बैठक को सरकार के प्रशासनिक कामकाज में गति लाने और लंबित मामलों के समाधान की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, बैठक में राज्य सरकार कर्मचारियों के लंबे समय से लंबित पड़े सेवा नियमों में संशोधन को मंजूरी दे सकती है। इससे विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने की उम्मीद है।
इसके अलावा, शिक्षा, ऊर्जा और अन्य विभागों से जुड़े भूमि आवंटन से संबंधित प्रस्तावों पर भी विचार किया जा रहा है। कई जिलों में नए विद्यालय भवन, विद्युत उपकेंद्रों और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया लटकी हुई है। कैबिनेट की मुहर लगने के बाद इन योजनाओं को जल्द क्रियान्वित किया जा सकेगा।
विशेषज्ञों की मानें तो इस बैठक में कुछ नए प्रशासनिक निर्णय भी लिए जा सकते हैं, जिनका सीधा असर आगामी निकाय और पंचायत चुनावों की तैयारी पर भी पड़ेगा। सरकार पर यह दबाव है कि वह जनता के बीच यह संदेश दे कि योजनाओं को लागू करने में वह गंभीर है और फैसले अब सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रहेंगे।
सूत्रों ने यह भी बताया है कि बैठक में राज्य के आर्थिक प्रबंधन, केंद्र से लंबित फंड रिलीज, और विभागीय समीक्षा रिपोर्टों पर भी चर्चा हो सकती है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा स्वयं सभी विभागों की प्रगति रिपोर्टों की निगरानी कर रहे हैं।
गौरतलब है कि विपक्ष पिछले कई हफ्तों से सरकार पर निष्क्रियता और नीति-निर्णयों में विलंब को लेकर हमलावर था। ऐसे में चार महीने बाद बुलाए गए इस उच्च स्तरीय निर्णयात्मक बैठक को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक से निकलने वाले फैसलों पर नज़र पूरे प्रशासनिक तंत्र के साथ-साथ आम जनता और राजनीतिक हलकों की भी टिकी हुई है। यदि सरकार यहां कुछ बड़े फैसले लेती है, तो इसका सीधा असर उसके कार्यकाल की गति और छवि पर पड़ेगा।
