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आखिर Vasundhara Raje को पूजने वाला कौन है ये फैन, क्या है इसकी मांग? जानें

 
आखिर Vasundhara Raje को पूजने वाला कौन है ये फैन, क्या है इसकी मांग? जानें 

जयपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पसंद करने वाले वैसे तो प्रदेश समेत देशभर में कई लोग हैं लेकिन जोधपुर का एक शख्स उनका बहुत बड़ा फैन है. ये एक मंदिर के पुजारी भी हैं, जो प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को 'विकास की देवी' मानते हैं. ये उनके इतने बड़े प्रशंसक हैं कि दूसरी देवियों की तरह वसुंधरा राजे की भी पूजा करते हैं. इसे प्रशंसक नहीं भक्त भी कहा जा सकता है. इनका मानना है कि राजे का सम्मानित व्यक्तित्व है जो पूजनीय है. जोधपुर के रहने वाले इस भक्त का नाम पंडित हेमंत शर्मा है. इन्होंने एक मंदिर भी बनाया है. उस मंदिर में मां लक्ष्मी, मां अन्नपूर्णा देवी की तरह ही वसुंधरा राजे की भी फोटो लगाई है और रोजाना पूजा अर्चना करते हैं. ये जानकर हर कोई हैरान भले ही हो रहा है लेकिन यह सच है कि जोधपुर के पंडित हेमंत शर्मा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को देवी मानते हैं और उनकी भक्ति में लीन रहते हैं.

'देवी का रूप हैं वसुंधरा राजे'

जोधपुर के शास्त्री नगर के शनिदेव मंदिर के पुजारी पंडित हेमंत शर्मा ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत करते हुए बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान में देवी के रूप में शासन किया था. उनका मानना है कि जो महिला शासन करती है वो देवी होती है और जो पुरुष शासन करता है वह विष्णु का रूप होता है. उन्होंने देवी के समान शासन किया. राजे ने ही बच्चों के लिए अन्नपूर्णा योजना शुरू की थी, इसलिए मैंने उनको अन्नपूर्णा देवी वसुंधरा कहा था और 'विकास की देवी' वसुंधरा कहा था. पंडित हेमंत शर्मा का कहना है कि इन्होंने अपने शासन के दौरान एक मां की तरह प्रदेश की जनता का पालन पोषण किया इसलिए मैंने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल के दौरान ही मंदिर बनवाने की घोषणा की थी. उन्होंने बताया कि जहां वो मंदिर बनाना चाहते थे उस प्लॉट पर वसुंधरा राजे के विरोधियों ने कब्जा कर लिया. मंदिर बनाने की जगह का केस आज भी राजस्थान हाईकोर्ट में चल रहा है.

वसुंधरा राजे का मंदिर बनाएंगे हेमंत शर्मा

पंडित हेमंत शर्मा ने आगे कहा कि मुझे जब भी मौका मिलेगा तो जोधपुर में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का मंदिर जरूर बनवाऊंगा ताकि सभी को प्रेरणा मिले कि शासक ऐसा होना चाहिए. वसुंधरा राजे ने अच्छा शासन किया था, इसी कारण से में आज भी उनकी पूजा करता हूं. उनका मैंने मंदिर बनाया है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की तस्वीर लगा रखी है. वो तस्वीर में कमल के फूल पर विराजमान हैं. मां लक्ष्मी के रूप में और अन्नपूर्णा देवी के रूप में विराजमान हैं. आज भी उनकी में रोज पूजा अर्चना करता हूं. उनसे मुलाकात भी हुई और मैंने उनके पैर छुए थे. उन्होंने सबका ऐसा पालन पोषण किया था जैसा कोई नहीं कर सकता है. उनकी कार्यशैली से प्रभावित हूं. मैंने उनको देवी का रूप कहा था. शास्त्रों में भी नारी को देवी का रूपी कहा जाता है.

'सभी के दिलों में राज करती हैं राजे'

पंडित हेमंत शर्मा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का मंदिर बनाना और पूजा करना निजी मामला है. यह मेरी निजी आस्था है. इसमें में किसी को प्रेरित नहीं करता हूं कि आप भी वसुंधरा राजें की पूजा करें. राजे का सम्मानित व्यक्तित्व है. जो पूजनीय हैं. उनकी पूजा करने में कोई दोष भी नहीं है. नारी को पूजनीय तो भारत में कहा जाता है. वसुंधरा राजे स्वयं नारी हैं. वसुंधरा शब्द धरती से जुड़ा हुआ है. उन्होंने मां और राजराजेश्वरी के रूप में जनता की सेवा की थी. आज भी जनता की सेवा में लीन है. जन-जन के मन में चिरस्थाई मुख्यमंत्री के रूप में निवास करती हैं. वसुंधरा राजे सभी के दिलों में राज करती है.

भजन लाल शर्मा को लेकर क्या कहा?

पंडित हेमंत शर्मा ने ये भी कहा कि वह आज मुख्यमंत्री नहीं हैं. यह भारतीय जनता पार्टी का अंदरूनी मामला है. जनता तो वसुंधरा राजे को चाहती थी लेकिन भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया गया. वो भी खराब नहीं हैं. वो भी किसान परिवार से हैं. धरती से जुड़े हुए हैं. वो अच्छे फैसला करेंगे. जनता का अच्छा पालन करेंगे. सबसे ऊपर तो मोदी जी हैं. पीएम मोदी की गारंटी होती है, जो सबसे बढ़िया है. गारंटी देते हैं वो पूरी करते हैं.  पंडित हेमंत शर्मा ने आगे कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 55 सभाएं की थीं. उसमें से 42 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एक संस्थापक परिवार से हैं. राजमाता जी विजयराजे सिंधिया जो ग्वालियर के राजघराने से हैं. वो उनकी माता थीं. जनसंघ के बीजेपी के राजे उसी परिवार से संस्कारित हैं. इसलिए पार्टी का फैसला उन्होंने स्वीकार किया और आज भी पार्टी के साथ हैं. भजन लाल के साथ हैं.