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बीकानेर से पढ़ाई करने रूस गए युवक को जबरन युद्ध में धकेला, सड़ा-गला शव भारत पहुंचा

बीकानेर से पढ़ाई करने रूस गए युवक को जबरन युद्ध में धकेला, सड़ा-गला शव भारत पहुंचा
 
बीकानेर से पढ़ाई करने रूस गए युवक को जबरन युद्ध में धकेला, सड़ा-गला शव भारत पहुंचा

जिले के अर्जुनसर गांव के 22 साल के अजय गोदारा की रूस-यूक्रेन युद्ध में मौत हो गई थी। अजय, जिसे धोखे से रूसी सेना में भर्ती करके युद्ध के मोर्चे पर भेज दिया गया था, बुधवार को दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा, जहां से उसके परिवार वाले उसे गांव ले आए और उसका अंतिम संस्कार कर दिया। परिवार का आरोप है कि शव पूरी तरह से सड़ चुका था और इतनी बुरी हालत में था कि उन्हें उसे ठीक से देखने भी नहीं दिया गया। परिवार को उसकी मौत की सही तारीख या तरीके के बारे में कोई साफ जानकारी नहीं दी गई।

परिवार के मुताबिक, अजय नवंबर 2024 में भाषा सीखने के लिए मॉस्को गया था। परिवार से उसकी आखिरी बातचीत 22 सितंबर को हुई थी। इसके बाद अजय ने दो वीडियो भेजे, जिसमें उसने बताया कि उसे और उसके साथियों को ट्रेनिंग के बहाने रूसी सेना में भर्ती किया गया और सीधे युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया।

पहले वीडियो में अजय ने कहा कि वह यूक्रेन में था और तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद उस पर लड़ने का दबाव बनाया जा रहा था। उसने कहा कि नौ भारतीय छात्रों को भी इसी तरह से ट्रेनिंग दी गई थी। जब उन्होंने मना किया तो रूसी सैनिकों ने उन्हें धमकी दी कि कोई उनकी बात नहीं सुनेगा। अजय ने वीडियो में कहा, "एक बार अपने परिवार से बात कर लो, यह मेरा आखिरी वीडियो हो सकता है। अगर कल से तुम्हें कोई कॉल नहीं आया तो मुझे मरा हुआ समझो।"

एक और वीडियो में अजय ने बताया कि उस पर एयरस्ट्राइक और मिसाइलों से हमला हुआ। ग्रुप के चार लोगों में से एक की मौत हो गई, दो भाग गए और वह रास्ता भटक गया। आठ दिन बाद उसे ढूंढकर सेना को सौंप दिया गया। उसने कहा कि वह यूक्रेन में रूस के कब्जे वाले शहर सेलिडोज़ में था। वीडियो में उसने कहा कि उसके साथ धोखा हुआ है।

वीडियो सामने आने के बाद परिवार ने अजय को भारत वापस लाने की कोशिशें जारी रखीं। इस दौरान परिवार ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से भी मुलाकात की और मदद की गुहार लगाई।

10 दिसंबर को परिवार को रूस से कॉल आया जिसमें बताया गया कि अजय की मौत हो गई है और उसका शव भारत भेजा जाएगा। बुधवार सुबह शव दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचा। परिवार का कहना है कि शव बहुत बुरी हालत में था। बॉडी सामने आने के तुरंत बाद उसका चेहरा ढक दिया गया और उन्हें ठीक से देखने नहीं दिया गया। मौत की तारीख या वजह के बारे में कोई जानकारी शेयर नहीं की गई।

अजय अपने परिवार का इकलौता बेटा था और पढ़ाई के सपने लेकर रूस गया था, लेकिन एजेंटों के झांसे में आकर युद्ध का शिकार हो गया। परिवार ने मांग की है कि सरकार ऐसे धोखेबाज एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे दूसरे भारतीय युवाओं को सुरक्षित भारत वापस लाए।