मानपुर-सड़वा में नकली घी का बड़ा कारखाना पकड़ा, डीएसटी और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
डीएसटी टीम जयपुर-उत्तर और पुलिस थाना जयसिंहपुराखोर ने संयुक्त अभियान चलाते हुए मंगलवार को मानपुर, सड़वा स्थित अफजल विहार कॉलोनी में संचालित एक बड़े नकली घी के कारखाने का भंडाफोड़ किया। छापेमारी के दौरान टीम को भारी मात्रा में खुले और तैयार अवस्था में रखा नकली घी मिला, जिसे बाजार में बेचने की तैयारी की जा रही थी। अधिकारियों के अनुसार, यह कारोबार लंबे समय से चल रहा था और आस-पास के इलाकों में बड़ी मात्रा में सप्लाई की जाती थी।
जानकारी के मुताबिक, डीएसटी टीम को कुछ दिनों से इलाके में चल रहे संदिग्ध कारोबार की जानकारी मिल रही थी। मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस और डीएसटी टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की योजना बनाई। मंगलवार सुबह टीम ने अफजल विहार कॉलोनी के एक मकान पर दबिश दी, जहां अंदर बड़े-बड़े ड्रमों में नकली घी तैयार किया जा रहा था। मौके पर मौजूद कर्मचारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया और पूरे कारखाने की तलाशी ली।
तलाशी के दौरान पुलिस को तैयार नकली घी के कई डिब्बे, पैकेजिंग सामग्री, ब्रांडेड कंपनियों के नकली लेबल, प्लास्टिक कंटेनर, मशीनें और मिलावटी पदार्थ मिले, जिनका उपयोग घी तैयार करने में किया जा रहा था। प्राथमिक जांच में सामने आया कि कारखाने में कम लागत वाले तेलों और रसायनों की मिलावट कर ‘घी’ तैयार किया जाता था और इसे विभिन्न ब्रांड के नाम से पैक कर बाजार में भेजा जाता था।
डीएसटी अधिकारियों के अनुसार, पकड़ा गया नकली घी मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। मिलावटी पदार्थों के सेवन से लीवर, किडनी और पेट संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके बावजूद आरोपी लंबे समय से अवैध रूप से इस कारोबार को चला रहे थे। टीम अब यह भी जांच कर रही है कि इस नकली घी की सप्लाई किन-किन दुकानों और थोक विक्रेताओं तक की जा रही थी।
पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक पूछताछ में कारखाना संचालकों ने बाजार में नकली घी बेचकर मोटा मुनाफा कमाने की बात स्वीकार की है। बताया जा रहा है कि यह गिरोह प्रतिदिन बड़ी मात्रा में नकली घी तैयार कर रहा था, जिसे ग्रामीण और शहरी बाजारों में सस्ते दाम पर बेचा जाता था। पुलिस ने मौके से दर्जनों ड्रम, पैकिंग मशीनें और कच्चा माल जब्त किया है।
इस कार्रवाई के बाद इलाके में चर्चा का माहौल है, क्योंकि कई लोग अनजाने में इसी घी का इस्तेमाल कर रहे थे। स्थानीय निवासियों ने पुलिस टीम की तत्परता की सराहना की और इस तरह के अवैध खाद्य पदार्थ बनाने वाले गिरोहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। डीएसटी टीम यह पता लगाने में जुटी है कि इस गिरोह के पीछे और कौन-कौन शामिल है और क्या जिले के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह के कारखाने सक्रिय हैं। अधिकारियों ने कहा है कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऐसे मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा।
