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डूंगरपुर में 16 वर्षीय छात्रा ने उत्पीड़न से परेशान होकर जहर खाकर दी जान, वीडियो में जानें परिजनों और लोगों ने पुलिस चौकी पर किया प्रदर्शन

डूंगरपुर में 16 वर्षीय छात्रा ने उत्पीड़न से परेशान होकर जहर खाकर दी जान, वीडियो में जानें परिजनों और लोगों ने पुलिस चौकी पर किया प्रदर्शन
 
डूंगरपुर में 16 वर्षीय छात्रा ने उत्पीड़न से परेशान होकर जहर खाकर दी जान, वीडियो में जानें परिजनों और लोगों ने पुलिस चौकी पर किया प्रदर्शन

जिले के धम्बोला थाना इलाके में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां 16 वर्षीय छात्रा ने लगातार उत्पीड़न और छेड़छाड़ से परेशान होकर जहर खा लिया। नाबालिग किशोरी की मौत के बाद इलाके में गहरा आक्रोश फैल गया। परिजनों और स्थानीय लोगों ने पीठ पुलिस चौकी के बाहर बुधवार रातभर प्रदर्शन कर आरोपी की गिरफ्तारी और न्याय की मांग की।


जानकारी के अनुसार, किशोरी ने अपने भाई भुवनेश को अगले दिन आपबीती बताई थी। उसने बताया कि मारपीट के दौरान जावेद नामक आरोपी ने उसके साथ छेड़छाड़ की, और इसके बावजूद आरोपी खुलेआम बाजार में घूम रहा है। इस पीड़ा और मानसिक आघात से आहत होकर किशोरी ने जहर खा लिया।

किशोरी की स्थिति गंभीर होने पर उसे पहले सीएससी सीमलवाड़ा अस्पताल ले जाया गया। वहां से बेहतर इलाज के लिए उसे डूंगरपुर और बाद में उदयपुर अस्पताल रेफर किया गया। लेकिन बुधवार सुबह उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

घटना के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों में गुस्सा देखने को मिला। लोग पीठ पुलिस चौकी के बाहर रातभर प्रदर्शन करते रहे। प्रदर्शनकारी आरोपियों की गिरफ्तारी, मृतक परिवार को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी देने सहित कई मांगों पर अड़े रहे। उन्होंने पुलिस और प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद जताई।

स्थानीय लोग यह भी बता रहे हैं कि किशोरी के घर के आसपास आरोपी लगातार चक्कर लगाते रहे, जिससे परिवार और समाज में भय का माहौल बना हुआ था। इस घटना ने इलाके में किशोरियों की सुरक्षा और महिलाओं के प्रति बढ़ते उत्पीड़न के मुद्दे को भी उजागर किया है।

मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से संवाद कर मामले की गंभीरता को देखते हुए शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान की जा रही है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

विशेषज्ञों के अनुसार, किशोरियों और महिलाओं के साथ इस तरह के उत्पीड़न की घटनाओं में समय पर मानसिक और कानूनी सहायता बहुत जरूरी है। परिवार और समाज की सतर्कता ही ऐसे दुखद मामलों को रोकने में मदद कर सकती है।

डूंगरपुर की यह घटना एक बार फिर नाबालिगों की सुरक्षा, महिलाओं के खिलाफ अपराध और प्रशासनिक जवाबदेही पर सवाल खड़ा करती है। स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और परिवार को न्याय मिलेगा।