कब और क्यों मनाया जाता है राजस्थान दिवस, जानिए राजस्थान स्थापना दिवस 2022 पर
Rajasthan Diwas 2022: राजस्थान वासियों के लिए 30 मार्च का दिन बेहद खास है, क्योंकि इस दिन राज्य अपना स्थापना दिवस मना रहा है, जिसे राजस्थान दिवस और राजस्थान स्थापना दिवस के तौर पर भी जाना जाता है। तो आईये जानते हैं राजस्थान स्थापना दिवस ओर राजस्थान से जुड़े कुछ फैक्ट.....
जयपुर न्यूज़ डेस्क, 30 मार्च, 1949 को जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय कर ‘वृहत्तर राजस्थान संघ’ की स्थापना की गयी थी। इसलिए 30 मार्च को राजस्थान राज्य का स्थापना दिवस मनाया जाता है। इसकी स्थापना 18 मार्च, 1948 को शुरू हुई। इसके एकीकरण की प्रक्रिया कुल सात चरणों में 1 नवंबर, 1956 को पूरी हुई। इसमें भारत सरकार के तत्कालीन देशी रियासत और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल और उनके सचिव वी. पी. मेनन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी।
इंग्लैण्ड के कवि किप्लिंग ने लिखा था, ‘दुनिया में अगर कोई ऐसा स्थान है, जहां वीरों की हड्डियां मार्ग की धूल बनी हैं तो वह राजस्थान कहा जा सकता है।’ राजस्थान शब्द का अर्थ है- ‘राजाओं का स्थान’

इन 7 चरणों में हुआ राजस्थान का जन्म
- 18 मार्च, 1948 को अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली रियासतों का विलय होकर ‘मत्स्य संघ’ बना। धौलपुर के तत्कालीन महाराजा उदयसिंह राजप्रमुख व अलवर राजधानी बनी।
- 25 मार्च, 1948 को कोटा, बूंदी, झालावाड़, टोंक, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, किशनगढ़ व शाहपुरा का विलय होकर राजस्थान संघ बना।
- 18 अप्रॅल, 1948 को उदयपुर रियासत का विलय। नया नाम ‘संयुक्त राजस्थान संघ’ रखा गया। उदयपुर के तत्कालीन महाराणा भूपाल सिंह राजप्रमुख बने।
- 30 मार्च, 1949 में जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर ‘वृहत्तर राजस्थान संघ’ बना था। यही राजस्थान की स्थापना का दिन माना जाता है।
- 15 अप्रॅल, 1949 को ‘मत्स्य संघ’ का वृहत्तर राजस्थान संघ में विलय हो गया।
- 26 जनवरी, 1950 को सिरोही रियासत को भी वृहत्तर राजस्थान संघ में मिलाया गया।
- 1 नवंबर, 1956 को आबू, देलवाड़ा तहसील का भी राजस्थान में विलय हुआ, मध्य प्रदेश में शामिल सुनेल टप्पा का भी विलय हुआ।

वीरों की धरती
वीर तो वीर, वीरांगनाएं भी अपनी माटी के लिए कुर्बानी देने में नहीं झिझकीं। राजस्थान की धरती का वीर योद्धा कहे जाने वाले पृथ्वीराज चौहान ने जन्म लिया, जिन्होंने तराइन के प्रथम युद्ध में मुहम्मद ग़ोरी को पराजित किया। कहा जाता है कि ग़ोरी ने 18 बार पृथ्वीराज पर आक्रमण किया था जिसमें 17 बार उसे पराजय का सामना करना पड़ा था। जोधपुर के राजा जसवंत सिंह के 12 साल के पुत्र पृथ्वी ने तो हाथों से औरंगजेब के खूंखार भूखे जंगली शेर का जबड़ा फाड़ डाला था। राणा सांगा ने सौ से भी ज्यादा युद्ध लड़कर साहस का परिचय दिया था। पन्ना धाय के बलिदान के साथ बुलन्दा (पाली) के ठाकुर मोहकम सिंह की रानी बाघेली का बलिदान भी अमर है। वीर योद्ध महाराणा प्रताप और चेतक इस धरा की अनमोल संतान थे।

राजस्थान के बारे में आपको ये जरूर जानना चाहिए
- भारत का सर्वाधिक क्षेत्रफल वाला राज्य राजस्थान है।
- यहां की अधिकतम भूमि रेगिस्तान है।
- ऊंट को यहां का जहाज कहा जाता है।
- वर्तमान में यहां कांग्रेस की सरकार है।
- अशोक गहलोत यहां के मुख्यमंत्री एवं सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री है।
- राजस्थान को पहले राजपूताना के नाम से जाना जाता था। ऐसा राजपूत राजाओं के कारण कहा जाता था।

