Shri Krishna Janmashtami: प्रदेशभर के मंदिरों में गूंज रहें श्रीकृष्ण के जयकारे, सीएम अशोक गहलोत ने दी प्रदेश वासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी शुभकामनाएं
जयपुर न्यूज डेस्क। आज पूरे दिन नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की यही उद्घोष राजधानी जयपुर सहित पूरे देश भर में गुंजायमान हो रहा है। विभिन्न योग संयोगों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। 'राधे-राधे कृष्णा-कृष्णा' का जयकारा लगाते हुए भक्तों का रैला शहर के आराध्य गोविन्द देव जी मंदिर, गोपीनाथ जी मंदिर, इस्कॉन और अक्षयपात्र मंदिर में देखने को मिल रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी है।
युवाओं से आह्वान है कि श्रीकृष्ण के जीवन से प्रेरणा लें। रिश्तों को हर स्तर पर मर्यादापूर्वक निभाएं। अपनी क्षमताओं का उपयोग कर प्रदेश की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। अन्याय का प्रतिकार करें। जरूरतमंद लोगों की निःस्वार्थ सेवा करें।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 19, 2022
इस संबंध में सीएम गहलोत ने ट्वीट किया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। श्रीकृष्ण का जीवन हमारे लिए प्रेरणास्त्रोत है। उनका जीवन हमें सकारात्मक रहने और कर्म करते रहने की सीख देता है। श्रीकृष्ण ने जिस तरह महाभारत के युद्ध में सत्य का साथ दिया, उसी तरह हमें अपने जीवन में आगे बढऩे के लिए सदैव सत्य के रास्ते पर चलना चाहिए। उन्होंने युवाओं से आह्वान है कि श्रीकृष्ण के जीवन से प्रेरणा लें। रिश्तों को हर स्तर पर मर्यादापूर्वक निभाएं। अपनी क्षमताओं का उपयोग कर प्रदेश की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। अन्याय का प्रतिकार करें। जरूरतमंद लोगों की नि:स्वार्थ सेवा करें।
आज मध्यरात्रि में 31 तोपों की गर्जना के साथ छोटी काशी में नंदलाल जन्म लेंगे। उस दौरान चहुुंओर उल्लास और उमंग का माहौल नजर आएगा. इससे पहले जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर में सुबह 4:30 बजे से मंदिरों में श्रद्धालुओं के पहुंचने का दौर शुरू हुआ, जो इस वक्त मेले जैसा माहौल हो गया है। मंगला झांकी से ही मंदिर में श्रद्धालुओं को बैरिकेडिंग से प्रवेश दिया गया है। लगभग 1000 कार्यकर्ता मंगला झांकी से व्यवस्थाएं संभाल रहे हैं। मंगला झांकी के बाद भगवान का पंचामृत अभिषेक हुआ। ठाकुर श्रीजी को नवीन पीत वस्त्र धारण करवाए गए है। हीं, मंदिर प्रांगण में पहुंचने वाले भक्त अपने बच्चों को भी भगवान का रूप धारण करा कर यहां पहुंचे है। कुछ श्रद्धालु घरों में विराजमान लड्डू गोपाल को भी मंजिल तक लेकर आए है। वहीं, मंदिर प्रांगण को 'सातिया और बधाई है' कि पताकाओं से सजाया गया है।