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Rajasthan Politics: मानगढ़ धाम के विकास को लेकर सियासत तेज, पीएम मोदी 1 नवबंर को इसे राष्ट्रीय स्मारक कर सकते घोषित

 
Rajasthan Politics: मानगढ़ धाम के विकास को लेकर सियासत तेज, पीएम मोदी 1 नवबंर को इसे राष्ट्रीय स्मारक कर सकते घोषित

बांसवाड़ा न्यूज डेस्क। राजस्थान के बांसवाड़ जिले के मानगढ़ धाम को लेकर प्रदेश में सियासत तेज होती नजर आने लगी है। एक नवम्बर को बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम पर पीएम नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित दौरे को लेकर कांग्रेस और भाजपा में सियासत तेज हो गई है। दोनों ही पार्टियां मानगढ़ धाम को लेकर क्रेडिट लेने में जुटी हैं। केंद्र की ओर से प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा के दौरान मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर सकते हैं, जबकि कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय स्मारक बनाने को लेकर पहले से चल रहे प्रयासों की बात कही गई। कांग्रेस का कहना है कि उन्होंने मानगढ़ को पहचान दी। वहीं भाजपा की ओर से उनके शासन में हुए पत्राचार और प्रयासों का बखान किया गया है। 

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1 नवम्बर को बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम पर पीएम नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित दौरे के कार्यक्रम से पहले एक ओर प्रदेश के राज्यमंत्री अर्जुन बामनिया ने तो दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने पत्रकार वार्ता कर इस सियासत को गरमा दिया है। राज्यमंत्री बामनिया ने कहा कि पीएम मोदी मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करें ताकि आदिवासियों का मान-सम्मान बना रहे। जलियावाला बाग की ही तरह यहां वर्ष 1913 में आजादी के मतवाले आदिवासियों को अंग्रेजी हुकूमत ने गोलियों से भून दिया था। पीएम मोदी अगर राष्ट्रीय स्मारक की घोषणा करते हैं तो वे आश्वस्त करते हैं कि राज्य सरकार उनके हिस्से वाले किसी काम को पूरा करने में देरी नहीं करेगी। बामनिया बोले कि वैसे भी मानगढ़ धाम के विकास में जो भी फंड लगा है वह टीएडी मद से लगा है। राज्यमंत्री बामनिया ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर भाजपा या केंद्रीय मंत्री की ओर से कोई निमंत्रण नहीं मिला है। बीते 9 अगस्त को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यहां आए थे। गहलोत ही ऐसे नेता हैं, जो पहली बार मुख्यमंत्री रहते हुए मानगढ़ धाम की सुध लेने आए थे।

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कांग्रेस की ओर से दिए गए बयानों को पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल बोले कि मानगढ़ धाम का मुद्दा सियासत का नहीं है। ये तो आस्था और श्रद्धा का मुद्दा है। उनकी ओर से सभी को न्यौता दिया गया है। केंद्र सरकार चाहती है कि नई पीढ़ी गोविंद गुरु को जाने। वह कौन थे। केंद्र सरकार सबका साथ और सबका विकास नारा लेकर चल रही है। आदिवासी भी देश और समाज का हिस्सा हैं। उनका भी विकास होना चाहिए। केंद्र की सरकार भगवान बिरसा मुंडा के लिए गौरव दिवस की घोषणा करने जा रही है।  कार्यक्रम के तहत पीएम मोदी सुबह 11 बजे मानगढ़ धाम आएंगे। इसी समय हैलीपेड पर उतरेंगे। इसके बाद राजस्थान सीमा में धूणी के दर्शन करेंगे। ठीक पीछे गुजरात सीमा में सीएम रहते हुए मोदी की ओर से विकसित किए गए स्मृति वन का निरीक्षण करेंगे। वहीं पर गोविंद गुरु की प्रतिमा को पुष्पांजलि देंगे। स्मृति वन में 2012 के बाद विकसित किए गए वृक्षों का अवलोकन करेंगे। इसके बाद वह मंच पर आएंगे। कार्यक्रम के लिए एक घंटे का समय मिला है।

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मेघवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा के साथ ही मानगढ़ धाम का डीपीआर बनना शुरू हो गया है। डवलपमेंट प्रोजेक्ट रिपोर्ट के तहत मानगढ़ को टूरिज्म के हिसाब से कैसे डवलप किया जाएगा। सांस्कृतिक विरासत के तौर पर कैसे विकसित होगा। पहाड़ी इलाके में रोप-वे टेक्नोलॉजी आ सकती है क्या? पर्वतमाला प्रोजेक्ट के तहत इसका विकास संभव है। वर्ष 1913 में अंग्रेजी हुकूमत की कंपनियां किस पहाड़ी पर तैनात थी। बलिदान देने वाले आदिवासी कहां बैठे थे। इनके बीच में कॉरिडोर कैसे बन सकता है। देश स्तर पर मानगढ़ को कैसे पहचान मिल सकती है। इन बिंदुओं पर रिपोर्ट बन रही है।