Rajasthan Politics: प्रदेश में लंपी वायरस को लेकर सियासत तेज, विधानसभा में लंपी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने पर भिड़े डोटासरा और गुलाब चंद कटारिया
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में बढ़ती लंपी स्किन डिजीज को लेकर लगात्तार सियासत तेज होती जा रहीं है। लंपी बीमारी को लेकर विपक्ष अब सत्तापक्ष पर सड़क से लेकर सदन तक हमला कर रहा है। आज राजस्थान विधानसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ। लंपी डिजीज से जुड़े सवाल पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार इस बीमारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं करेगी तो क्या राज्य सरकार पशुपालकों को दूसरे राज्यों की तरह कोई मुआवजा नहीं देगी। उनके इस सवाल पर राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद डोटासरा भड़क गए।
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उन्होंने कहा कि केंद्र को इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करना ही चाहिए। बात यही नहीं थमी आगे डोटासरा खड़े होकर बोलने लगे, जिसका नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह किस अधिकार से खड़े होकर बोल रहे हैं। इस पर डोटासरा समेत कांग्रेस के विधायक सदन में हंगामा करने लगे। वहीं, मामला बिगड़ते देख स्पीकर सीपी जोशी बीच बचाव को सामने आए। उन्होंने मंत्री को जवाब देने को कहा। इस पर मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि लंपी को प्राकृतिक आपदा घोषित करने के बाबत राज्य की ओर से केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है, जिसमें सभी समस्याओं को इंगित करने के साथ ही पशुपालकों को यथाशीघ्र राहत देने को मुआवजा की भी बात कही गई है।
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सदन में विधायक राजकुमार रोत ने सवाल किया कि उनकी विधानसभा में 9 लाख रुपये ऐसे सोलर उपकरणों पर खर्च किए गए हैं, जो 5 साल से खराब पड़े हैं। इस पर मंत्री अर्जुन बामणिया ने सदन में कमेटी बनाने और जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है। वहीं, स्पीकर सीपी जोशी भी सदन में खासा सक्रिय दिखे। उन्होंने मंत्री टीकाराम जूली को ईडब्ल्यूएस आरक्षण के मामले में पुराने आंकड़े रखने पर समझाया और कहा कि जब कोई योजना 2022 में लागू हुई है तो फिर 2021 की नोट सीट विधानसभा में रखकर कंफ्यूज न करें।