Rajasthan Politics News : सीएम सलाहकार संयम लोढ़ा के विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर बोले राजेंद्र राठौड़, कहा— हम करेंगे प्रस्ताव का मुकाबाला
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान कांग्रेस के विधायको के त्याग पत्र मामले पर राजस्थान की राजनीति गरमा गई है। इस मामले में अब सीएम गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा ने विधानसभा में विशेषाधिकार प्रस्ताव की मांग की है और राजस्थान विधानसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने पर सीएम अशोक गहलोत के सलाहकार निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा और विपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ट्विटर पर जुबानी जंग भी देखने को मिली है। निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने राजस्थान विधानसभा सचिव को उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया है। उन्होंने 24 जनवरी को सदन में इस मुद्दे को उठाने की परमीशन मांगी है। लोढ़ा का आरोप है कि राजेन्द्र राठौड़ ने विधानसभा अध्यक्ष के पास पेंडिंग मामले को निर्णय से पहले कोर्ट में ले जाकर विधानसभा अध्यक्ष की अवमानना की है।
सीएम सलाहकार लोढ़ा ने प्रतिपक्ष उपनेता राजेंद्र राठौड़ के खिलाफ की विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव की मांग
#राजस्थान विधानसभा की प्रक्रिया के नियम 157 के अंतर्गत #भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेन्द्र राठौड़ द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय से पूर्व प्री मैच्योर स्टेज पर हाइकोर्ट में जनहित याचिका प्रस्तुत करने को लेकर विधानसभा सचिव के समक्ष विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव प्रस्तुत किया। pic.twitter.com/b8oECiK6L2
— Sanyam Lodha (@SanyamLodha66) January 22, 2023
कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक और सीएम गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा ने ट्वीट कर लिखा है कि राजस्थान विधानसभा की प्रक्रिया के नियम 157 के तहत भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेन्द्र राठौड़ द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय से पहले प्री-मेच्योर स्टेज पर हाइकोर्ट में जनहित याचिका पेश करने को लेकर विधानसभा सचिव के समक्ष विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव प्रस्तुत किया है।
विद्वान उप नेता जी, काश यह ज्ञान आपको पहले हुआ होता कि अध्यक्ष के समक्ष जो प्रकरण विचाराधीन है, उसके निर्णय से पहले उसे उच्च न्यायालय में ले जाना माननीय विधानसभा अध्यक्ष जी की खुली अवमानना है।@INCRajasthan @BJP4Rajasthan https://t.co/i2HzPnGr4w
— Sanyam Lodha (@SanyamLodha66) January 22, 2023
सीएम सलाहकार संयम लोढ़ा के ट्वीट पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने तीखा कटाक्ष करते हुए पलटवार करते हुए लिखा है कि मुख्यमंत्री जी के घोषित सलाहकार को बधाई। उन्हें 91 विधायक के त्यागपत्र के प्रकरण जो न्यायालय में डेढ़ माह से विचाराधीन हैं, पर अब तो ध्यान आया। विधानसभा के नियम और प्रक्रिया के नियम 53 में स्पष्ट प्रावधान है कि जो विषय न्यायालय में विचाराधीन हो, उस पर सदन में विचार नहीं किया जा सकता है।
अब किस्सा कुर्सी में 91 विधायक के 110 दिन पुराने त्याग पत्र पर जन किरकिरी हुई तो विधानसभा को कवच के रूप में इस्तेमाल करने का ताना बाना बना रहे हैं जिसमें कामयाब नहीं होंगे। विशेषाधिकार के हनन के प्रस्ताव का मुकाबला करेंगे।
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) January 22, 2023
जिसके जवाब में सीएम सलाहकार विधायक संयम लोढ़ा ने लिखा है कि विद्वान उप नेता जी, काश यह ज्ञान आपको पहले हुआ होता कि अध्यक्ष के समक्ष जो प्रकरण विचाराधीन है, उसके निर्णय से पहले उसे हाईकोर्ट में ले जाना माननीय विधानसभा अध्यक्ष जी की खुली अवमानना है। संयम लोढ़ा की इस टिप्पणी पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ फिर से प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सलाहकार महोदय, अगर विधानसभा के नियम 157, जिसमें विशेषाधिकार का प्रस्ताव लेकर आए हैं, उसका अध्ययन कर लेते, तो शायद यह गलती नहीं करते। अब किस्सा कुर्सी में 91 विधायक के 110 दिन पुराने त्याग पत्र पर जनता में किरकिरी हुई, तो विधानसभा को कवच के रूप में इस्तेमाल करने का ताना-बाना बना रहे हैं, जिसमें कामयाब नहीं होंगे। विशेषाधिकार के हनन के प्रस्ताव का हम मुकाबला करेंगे।