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Rajasthan Politics: राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस में सियासी हलचल, फिर उठने लगी सचिन को सीएम बनाने की मांग

 
Rajasthan Politics: राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस में सियासी हलचल, फिर उठने लगी सचिन को सीएम बनाने की मांग

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में आगामी विधानसभ चुनावों से ठीक पहले सियासी हलचल देखने को मिल रहीं है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अक्टूबर में चुनाव होने हैं, लेकिन 22 सितंबर तक यह क्लियर हो जाएगा कि अध्यक्ष पद के लिए कौन-कौन दावेदार हैं। इधर, इन चुनाव से पहले राजस्थान कांग्रेस में सियासी हलचल शुरू हो गई है। सियासी संकट के दौरान सचिन पायलट के साथ रहे समर्थक अब फिर से उन्हें सीएम बनाने की मांग करने लगे हैं। दो साल से बिना कोई पद काम करते रहने का तर्क देकर वे बार-बार पायलट के समर्थन में अब खुले मंच से बयान भी देने लगे हैं।

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पूर्व डिप्टी सीएम पायलट के जन्मदिन से एक दिन पहले जयपुर में जुटी समर्थकों की भीड़ ने भी कई सियासी संकेत दिए हैं। समर्थक विधायकों ने भी अब खुले तौर पर पायलट के पक्ष में आवाज उठाना शुरू कर दिया है। पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद पायलट की अगली भूमिका पर फैसला होने की संभावना जताई जा रही है। इससे पहले राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के खेमों के बीच सियासी वार पलटवार का दौर शुरू हो गया है। पिछले साल भर में गहलोत-पायलट खेमों के बीच सियासी हमले और वार-पलटवार जारी है। इस खेमेबंदी के अब और तेज होने के आसार बन रहे हैं क्योंकि दोनों ही खेमे अपने स्टैंड पर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।

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कांग्रेस में सरकार से नाराज विधायकों को साधकर अपनी तरफ करने के लिए पायलट खेमा लगातार कोशिश कर रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समर्थक विधायकों पर अब तक पकड़ बनाकर रखी है और अब तक राज्यसभा चुनाव से लेकर वोटिंग का जो भी मौका आया उस पकड़ को साबित भी किया है।  सचिन पायलट खेमे की जुलाई 2020 में हुई बगावत के बाद से उन्हें डिप्टी सीएम और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के पद से बर्खास्त कर दिया था। तब से लेकर अब तक उनके पास पार्टी और सरकार में कोई पद नहीं है। सुलह कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देकर सचिन समर्थक अब उन्हें पद देने की मांग उठा रहे हैं।

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राजस्थान में 14 महीने बाद चुनाव है, कांग्रेस के पास विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में अच्छी सीटें लेकर आने की जबर्दस्त चुनौती है। इसी फैक्टर का हवाला देकर अब सचिन पायलट को जिम्मेदारी दिए जाने की मुहिम शुरू की गई है। पिछले काफी समय से गहलोत और पायलट खेमों के बीच टकराव लगातार जारी है। यह टकराव बढ़ता जा रहा है। सचिन पायलट ने जालोर के सुराणा में शिक्षक की पिटाई से दलित छात्र की मौत के मामले में राज्य सरकार को जमकर घेरा। एनसीआरबी की रिपोर्ट में राजस्थान में क्राइम बढ़ने की दर काे लेकर भी पायलट सवाल उठा चुके हैं। इसे बढ़ते हुए टकराव से जोड़कर देखा जा रहा है।