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Rajasthan Politics: टोंक में पुलिस पर की गई कार्रवाई ने पकड़ा सियासी तूल, बीजेपी ने गहलोत सरकार पर किया हमला

 
Rajasthan Politics: टोंक में पुलिस पर की गई कार्रवाई ने पकड़ा सियासी तूल, बीजेपी ने गहलोत सरकार पर किया हमला

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में सियासी संकट के बीच एक बार फिर बीजेपी ने कांग्रेस ने हमला किया है। टोंक के निवाई में कांग्रेस के पूर्व जिला प्रमुख और पीसीसी सदस्य के साथ पुलिस की झड़प और उसके बाद दो पुलिस अधिकारियों पर हुई निलंबन की कार्रवाई ने सियासी तूल पकड़ लिया है। भाजपा ने प्रदेश सरकार द्वारा की गई इस कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा है कि अपने कर्तव्यों को निभाने वाले ईमानदार पुलिस अधिकारियों के साथ प्रदेश सरकार ने नाइंसाफी की है। 

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भाजपा के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने एक बयान जारी कर कहा कि राज्य सरकार ने सिर्फ कांग्रेस के नेताओं को खुश करने के लिए टोंक जिले में डिप्टी एसपी और एसएचओ की बलि दी गई है। जिससे पुलिस और अधिकारियों का मनोबल टूटा है। शर्मा ने कहा कि राजस्थान में जब-जब कांग्रेस की सरकार रहती है और कांग्रेस सरकार के समय जो भी प्रकरण होते हैं, उन प्रकरणों में अधिकारियों की बिना जांच किए सजा देने का काम किया जाता है।  राजस्थान में पहले चुरूवाल की घटना हुई, उसमें अधिकारियों का कोई दोष नहीं था और उसमें भी अधिकारियों की बलि लगाने का काम राजस्थान सरकार ने किया है। 

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शर्मा ने अपने बयान में कहा कि अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाते हुए अधिकारी अपना काम नहीं करेंगे तो आने वाले समय के अंदर राजस्थान में अराजकता का माहौल बनेगा। राजस्थान में पहले से ही कानून व्यवस्था बिगड़ी हुई है। कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो व्यवस्था बनाए रखने के लिए काम करते हैं। उन अधिकारियों का मनोबल अगर इसी तरीके से गिरता है, तो मुझे लगता है कि राजस्थान में आने वाले समय के अंदर कोई भी अधिकारी रिस्क नहीं लेगा. भाजपा विधायक ने कहा कि गुनहगार को सजा मिले और हकदार को सम्मान मिले, इस प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत पर सरकार काम करेगी, तो अधिकारियों का मनोबल बना रहेगा। 

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शर्मा ने कहा उसके पहले गोपालगढ़ के कांड में भी अधिकारियों की बिना गलती उनको सजा देने का काम किया गया। इसी तरीके से जयपुर में अधिवक्ताओं के आंदोलन में भी अधिकारियों की बलि देने का काम सरकार ने किया और अब टोंक जिले के निवाई में डिप्टी एसपी और एसएचओ की बलि देने का काम सिर्फ इसलिए किया गया कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने रास्ता जाम करने का काम किया। रास्ता अवरुद्ध करने के लिए प्रोत्साहित करने वाले कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को खुश करने के लिए राजस्थान की सरकार ने उन अधिकारियों की बलि दे दी।