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Rajasthan Breaking News: प्रदेश में बिजली संकट के बीच मिली आंशिक राहत, छबड़ा मेगावाट इकाई से शुरू हुआ बिजली उत्पादन

 
Rajasthan Breaking News: प्रदेश में बिजली संकट के बीच मिली आंशिक राहत, छबड़ा मेगावाट इकाई से शुरू हुआ बिजली उत्पादन

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि प्रदेश में एक बार फिर बिजली का संकट गहरा गया है। बारिश का दौर थमने से तापमान में बढ़ोतरी हुई,जिसका असर बिजली सप्लाई पर दिखने लगा है। बिजली की मांग और उपलब्धता में करीब 2600 मेगावाट का अंतर है। इसके चलते ग्रामीण इलाकों में अब अघोषित बिजली की कटौती की जा रही है। लेकिन ऐसी बीच राहत भरी खबर यह है कि शुक्रवार देर शाम से  छबड़ा की 660 मेगावाट क्षमता वाली इकाई से उत्पादन शुरू हो गया है। इससे प्रदेश को बिजली कटौती में आंशिक राहत मिलेंगी। 

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राजस्थान में वर्तमान में 12 हजार 600 मेगावाट बिजली की डिमांड है, जबकि उपलब्धता 10 हजार मेगावाट से भी कम है।  25 अगस्त को प्रदेश में करीब 25 करोड़ यूनिट बिजली की सप्लाई हुई थी जो 31 अगस्त को बढ़कर 22 करोड़ यूनिट हो गई। मतलब 6 करोड़ यूनिट मांग बढ़ गई है। वर्तमान में मांग के अनुरूप बिजली की सप्लाई नहीं हो पा रही है। जिसके चलते ग्रामीण इलाकों में अघोषित रूप से 6 से 8 घंटे की बिजली कटौती की जा रही है। डिस्कॉम और ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की मानें तो जिस प्रकार के हालात मौजूदा स्थिति में बने हैं। उसमें यदि जल्द प्रदेश की अन्य बंद पड़ी उत्पादन इकाइयों से बिजली का उत्पादन शुरू नहीं हुआ तो अगले 1 से 2 दिन के बाद शहरी इलाकों में भी पावर कट किया जा सकता है। हालांकि राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम की छबड़ा स्थित 660 मेगावाट क्षमता की इकाई से बिजली का उत्पादन शुक्रवार शाम शुरू हो गया है। लेकिन इसके अतिरिक्त भी बिजली की आवश्यकता राजस्थान में है क्योंकि बिजली की मांग और उपलब्धता में करीब 2600 मेगावाट का अंतर है। 

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प्रदेश में सरकारी व निजी कंपनियों के करीब 4000 मेगावाट क्षमता के पावर प्लांट बंद हैं। इसकी संख्या करीब 8 है, जिन्हें वार्षिक रखरखाव या तकनीकी खराबी के चलते कुछ महीने से शटडाउन पर ही रखा गया था। इनमें निजी क्षेत्र की अदानी पावर की कवाई स्थित दो यूनिट जिसकी क्षमता 660-660 मेगा वाट है, बंद है। बताया जा रहा है कि इनमें से एक यूनिट 1 अगस्त से ही शटडाउन पर है वहीं दूसरी यूनिट 30 अगस्त को ट्रिप हो गई थी। इसी तरह निजी क्षेत्र की है बरसिंहसर लिग्नाइट की 125 मेगावाट क्षमता वाली इकाई भी लंबे समय से बंद पड़ी है। इन तीनों निजी क्षेत्र की इकाइयों से शत-प्रतिशत बिजली उत्पादन राज्य को मिलता है।