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Rajasthan Breaking News: सीएम गहलोत का अहम फैसला, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 51 कैदियों को रिहा करेंगी राज्य सरकार

 
Rajasthan Breaking News: सीएम गहलोत का अहम फैसला, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 51 कैदियों को रिहा करेंगी राज्य सरकार

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की इस वक्त की बड़ी खबर में आपको बता दें कि सीएमम अशोक गहलोत ने बड़ा अहम फैसला लिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वतंत्रता दिवस पर 51 कैदियों को रिहा करने का फैसला किया है। सीएम गहलोत ने प्रदेश की विभिन्न जेलों में सजा काट रहे 51 कैदियों को अच्छे आचरण के फलस्वरूप विशेष माफी देते हुए 15 अगस्त, 2022 को रिहा करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। 

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15 अगस्त को रिहा किए जाने वाले इन कैदियों में अपनी कुल कारावास की दो तिहाई अवधि पूरी कर चुके 36 कैदी, अपनी आधी कारावास अवधि पूरी कर चुके 60 वर्ष की आयु से अधिक के 5 पुरूष कैदी तथा अपनी कारावास अवधि पूरी कर चुके 10 आर्थिक रूप से कमजोर कैदी शामिल हैं.। आर्थिक रूप से कमजोर कैदी अपनी सजा पूर्ण होने के बाद भी आरोपित जुर्माना राशि देने में असमर्थ होने के कारण रिहा नहीं हो पा रहे थे। इसलिए सरकार ने उन्हें भी रिहा करने का फैसला लिया है। दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार कुछ स्पेशल कैटेगरी के कैदियों को ही राहत दी जा सकती है। इन कैदियों में दहेज हत्या, बलात्कार, आतंकवाद, मानव तस्करी सहित दूसरे गंभीर क्राइम में शामिल कैदी शामिल नहीं हैं।

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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में कैदियों को विशेष छूट देने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। 10 जून 2022 को केंद्रीय गृहमंत्रालय ने कुछ कैटेगरी के कैदियों को विशेष छूट देने और रिहा करने की घोषणा करते हुए गाइडलाइंस और नॉर्म्स को जारी किया था। तय नॉर्म्स में 50 साल से ज्यादा उम्र की महिला और ट्रांसजेंडर व्यक्ति शामिल हैं, जिन्होंने अपनी सजा का 50 फीसदी पीरियड पूरा कर लिया है। 60 साल से ज्यादा उम्र के ऐसे पुरुष अपराधी जिन्होंने अपनी सजा का 50 फीसदी पीरियड पूरा कर लिया है। ऐसे अपराधी जिन्होंने अपनी सजा का 2/3 पीरियड पूरा कर लिया है। शारीरिक रूप से 70 फीसदी विकलांग अपराधी, जिन्होंने अपनी सजा का 50 फीसदी पीरियड पूरा कर लिया है, उन्हें विशेष छूट देकर रिहा किया जा सकता है। शर्त यह है कि आतंकी मामलों में शामिल दोषियों, मौत की सजा पाने वाले कैदियों, बलात्कार के दोषियों और विशिष्ट जघन्य अपराधों पर यह छूट लागू नहीं होगी।