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Rajasthan Breaking News: ओबीसी वर्ग की मांगों को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ पूर्व मंत्री हरीश चौधरी, आज शहीद स्मारक पर दिया धरना

 
Rajasthan Breaking News: ओबीसी वर्ग की मांगों को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ पूर्व मंत्री हरीश चौधरी, आज शहीद स्मारक पर दिया धरना

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर राजधानी जयपुर से सामने आई है। ओबीसी आरक्षण में हुई विसंगतियों को दूर करने के लिए राजधानी जयपुर में महापड़ाव शुरू किया गया है। ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले हुए इस धरने में अपनी ही सरकार के खिलाफ पूर्व कैबिनेट मंत्री और पंजाब चुनाव के प्रभारी रहे हरीश चौधरी भी शामिल हुए है। संघर्ष समिति की मांग है कि सरकार राज्य में भर्तियों के लिए जारी 2018 के परिपत्र में संशोधन करे और सही रोस्टर बनाए, जिससे ओबीसी के लोगों के साथ न्याय हो सके। 

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बता दे कि लगातर मांग के बावजूद ओबीसी आरक्षण में हुई विसंगतियां दूर नहीं होने पर अब युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा है। यही वजह है कि ओबीसी वर्ग को 21 फीसदी आरक्षण बहाल करने और विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर आज बड़ी संख्या में ओबीसी से जुड़े युवा राजधानी जयपुर में सड़कों पर उतरे है। ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति के आह्वान पर शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू हो गया है। खास बात यह है कि संघर्ष समिति के इस धरने में गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हरीश चौधरी भी शामिल हुए है। 

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ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर राजस्थान में पिछले 3 महीने से आंदोलन चल रहा है। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में लगातार सभाएं हुईं और अब ओबीसी वर्ग के युवा ने जयपुर में महापड़ाव डाल दिया। नाराजगी है कि ओबीसी आरक्षण में विसंगतियों की वजह से ओबीसी के मूल अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी नहीं मिल पा रही है और 21 प्रतिशत आरक्षण के बावजूद शून्य पद ओबीसी के रहे है। 

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राजस्थान के कई विधायकों ने ओबीसी अभ्यर्थियों की मांग को जायज बताते हुए सरकार से मांग की है कि आरक्षण की विसंगतियों को शीघ्र दूर करे। इसके लिए दो दर्जन से ज्यादा विधायक मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं। गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हरीश चौधरी अब खुल कर युवाओं के साथ धरने पर आ गए हैं। चौधरी ने कहा कि राजस्थान में ओबीसी वर्ग को 21 फीसदी आरक्षण मिला हुआ है, लेकिन साल 2018 में सरकार के कार्मिक विभाग ने ओबीसी की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिक का कोटा निर्धारित कर दिया, जिससे भूतपूर्व सैनिक इस पूरे कोटे का लाभ उठा रहे हैं और ओबीसी वर्ग के अन्य अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिल पा रहा है। 21 प्रतिशत आरक्षण होने के बावजूद ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों का एक भी पद पर चयन नहीं हुआ। चौधरी ने कहा कि विभाग ने भर्तियों को लेकर जो उपनियम बनाए हैं, उन्हें वापस लिया जाए और भूतपूर्व सैनिकों का कोटा अलग से निर्धारित किया जाए जो ओबीसी वर्ग के 21 फीसदी आरक्षण से अलग हो।