Rajasthan Breaking News: वनरक्षक परीक्षा 2022 रद्द होने पर बीजेपी ने उठाए सवाल, सतीश पूनिया सहित बीजेपी के इन नेताओं ने कांग्रेस सरकार को घेरा
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि राजस्थान में प्रतियोगिता परीक्षाओं के पेपर आए दिन लीक होने पर विपक्ष और बेरोजगारों ने सरकार को निशाने पर लिया है। शनिवार 12 नवम्बर को दूसरी पारी में हुई वनरक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के बाद राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने परीक्षा को निरस्त कर दिया। बोर्ड अब नए सिरे से परीक्षा की तिथि घोषित करेगा। लगातार पेपर लीक होने की घटनाएं होने पर प्रदेश के बेरोजगार संगठन और विपक्ष ने राज्य सरकार पर प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। जानिए किस ने क्या कहा....
रक्षक ही भक्षक बन गई सरकार - सतीश पूनिया
वनरक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर आउट होने और परीक्षा निरस्त किए जाने के बाद बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि राजस्थान के इतिहास में ऐसी सरकार नहीं आई जो भत्ते के नाम पर सत्ता में आए। अब ये लोग युवाओं को केवल धक्के खिला रहे हैं। परीक्षा के प्रश्न पत्रों की सुरक्षा नहीं कर पाने पर पूनिया ने राज्य सरकार पर युवाओं के भविष्य की रक्षक के बजाय भक्षक बनने का आरोप लगाया। सतीश पूनिया ने अपने ट्वीट पर लिखा कि अखबारों के विज्ञापनों में मुख्यमंत्री जी के मुस्कुराते हुए चेहरे की फोटो नजर आती है जबकि बेरोजगारों के चेहरे हताश नजर आते हैं।
एक बार फिर पेपर लीक, वन रक्षक परीक्षा भविष्य भक्षक कांग्रेस सरकार की भेंट चढ़ गई। राजस्थान के इतिहास में ऐसी सरकार कभी नहीं आई, भत्ते के नाम सत्ता में आए लोग युवाओं को केवल धक्के खिला रहे हैं।
— Satish Poonia (@DrSatishPoonia) November 13, 2022
सरकार की नाकामी का एक और उदाहरण - राजेन्द्र राठौड़
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ का कहना है कि वनरक्षक भर्ती परीक्षा की आंसर की परीक्षा से पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल होना गहलोत सरकार की नाकामी का उदाहरण है। यह समूचे परीक्षा तंत्र प सवालिया निशान है। एक बार फिर अशोक गहलोत सरकार की विफलता से प्रदेश के लाखों युवाओं की मेहनत पर पानी फिर गया है।
राजस्थान परीक्षा तंत्र पर सवालिया निशान, जानिए राजस्थान से जुडी हर छोटी-बड़ी खबर बस 30 सेकंड में
कांग्रेस सरकार द्वारा पहले नौकरियां निकालना और फिर उन्हें रद्द किया जाना भर्ती प्रक्रियाओं में एक नई परिपाटी की शुरुआत करने जैसा है। भर्ती के नाम पर अपने को ठगा महसूस करने वाला युवा आज बेरोजगारी के दलदल में फंसता जा रहा है। वक्त आने पर यही युवा कांग्रेस को इसका माकूल जवाब देगा।
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) November 14, 2022
प्रदेश के युवाओं से माफी मांगे सरकार - गजेन्द्र सिंह शेखावत
केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भी पेपर लीक मामले पर सरकार पर सियासी हमला किया है। शेखावत ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा कि गहलोत सरकार को अब यह कह देना चाहिए कि हम पर्चा लीक रोकने में सक्षम नहीं हैं। गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रदेश सरकार को युवाओं से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि सरकार ने रोजगार देने का वादा किया लेकिन समय पर रोजगार दे नहीं पा रही है। कांग्रेस के नेताओं को युवाओं के बजाय राहुल गांधी जी की ज्यादा चिंता है।
रीट से लेकर कांस्टेबल भर्ती तक पेपर लीक में लाखों युवाओं का भविष्य खराब करने वाले गहलोत राज में अब वनरक्षक भर्ती परीक्षा का भी पेपर लीक!
— Diya Kumari (@KumariDiya) November 13, 2022
राज्य सरकार व नकल माफियाओं के बीच ऐसी क्या सांठगांठ है कि पेपर लीक और फर्जीवाड़ा थम नहीं रहा?#पेपर_लीक_गहलोत_सरकार_वीक pic.twitter.com/CEVe4HCpqM
नकल माफियाओं से सरकार की साठगांठ - दीया कुमारी
भाजपा सांसद दीया कुमार ने राज्य सरकार पर नकल माफियाों से साठगांठ का आरोप लगाया है। दीया कुमारी ने कहा कि रीट से लेकर पुलिस कांस्टेबल तक हर परीक्षा का पेपर आउट होने लगे हैं। यह युवाओं के भविष्य को खराब करने वाले मामले हैं। बिना साठगांठ के हर परीक्षा का पेपर आउट कैसे हो सकता है। रीट पेपर लीक के दौरान नकल माफियाओं से कई नेताओं के तार जुड़े होने की बातें सामने आई लेकिन सरकार के संरक्षण के चलते सबको बचा लिया गया।
VDO,MVSI,कंप्यूटर अनुदेशक भर्तियों का परिणाम जारी करवाने,
— Upen Yadav (@TheUpenYadav) November 14, 2022
प्रयोगशाला सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष,PTIभर्ती का दस्तावेज सत्यापन का शेड्यूल जारी करवाने,
वनरक्षक भर्ती पेपरलीक मामले में लिप्त सभी दोषियों की संपत्ति जप्त करके नए गैर ज़मानती कानून के तहत सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करवाने. pic.twitter.com/jATigKh18R
पेपर लीक में राजस्थान नम्बर वन - उपेन यादव
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव का कहना है कि राजस्थान सरकार पेपर लीक मामले में नम्बर वन बन गई है। हालांकि राजस्थान सरकार पेपर लीक को रोकने के लिए गैरजमानती कानून लेकर आई है। इसके बावजूद भी पेपर लीक करने वालों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती है। पूर्व में जो आरोपी गिरफ्तार हुए, कानून के तहत उनकी संपति जब्त होनी चाहिए थी और 10 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कठोर कार्रवाई के अभाव में पेपर लीक माफिया लगातार सक्रिय हैं।