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Rajasthan BJP Crissis: सतीश पूनिया ने BJP में वापसी में उम्मीद क़र रहे नेताओं की उम्मीद पर फेरा पानी, आलाकमान का बड़ा फैसला

 
Rajasthan BJP Crissis: सतीश पूनिया ने BJP में वापसी में उम्मीद क़र रहे नेताओं की उम्मीद पर फेरा पानी, आलाकमान का बड़ा फैसला

जयपुर न्यूज़ डेस्क, बीजेपी में वापसी का इंतजार कर रहे राजस्थानी नेताओं की उम्मीद अब धराशायी हो गई है। इस संबंध में राजस्थान के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने बड़ा बयान दिया है। सिंह ने कहा कि प्रदेश नेतृत्व से हरी झंडी मिलने के बाद ही नेताओं को पार्टी में शामिल होने दिया जाएगा। इसके लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। सिंह के बयान के बाद, निकट भविष्य में भाजपा में शामिल होने की उम्मीद कर रहे नेताओं के लिए पार्टी के दरवाजे बंद होते दिख रहे हैं। नेताओं की वापसी के लिए पहले उन्हें कई मापदंडों पर तौला जाएगा।

Rajasthan BJP Crissis: सतीश पूनिया ने BJP में वापसी में उम्मीद क़र रहे नेताओं की उम्मीद पर फेरा पानी, आलाकमान का बड़ा फैसला

कभी भाजपा और उसके गृह जिले बीकानेर में राज करने वाली पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। हाल ही में वसुंधरा राजे के बीकानेर दौरे के दौरान भाटी काफी एक्टिव थीं। उम्मीद की जा रही थी कि भाटी जल्द ही भाजपा में वापसी करेंगे। लेकिन केंद्रीय मंत्री और बीकानेर के सांसद अर्जुन मेघवाल से उनका विवाद उनसे आगे निकल गया है. मेघवाल के समर्थक उनका एक वीडियो वायरल कर रहे हैं। इसमें वह कथित तौर पर दलितों के खिलाफ बोलते नजर आ रहे हैं। इसे मुद्दा बनाकर अर्जुन मेघवाल ने अपनी वापसी की कोशिशों को काफी बढ़ावा दिया है।
अर्जुन मेघवाल ने कहा कि आलाकमान जो भी करेगा, सोच-समझकर करेगा। भाटी का वीडियो सबके सामने है. भाजपा में संगठन सर्वोपरि है। इसलिए सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद फैसला लिया जाएगा। जल्दबाजी में कुछ नहीं होगा। केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने कहा कि पार्टी आलाकमान सब कुछ देखता है. यह भी देखना होगा कि किस नेता ने किस समय क्या बयान दिया? भाटी को एक खास समुदाय के लोगों से उनके खिलाफ वोट करने की अपील करते हुए सुना जा सकता है।
कई नामों पर चर्चा हो रही है, लेकिन अभी करना होगा इंतजार

पिछले चुनाव में भाजपा के खिलाफ बगावत करने वाले कई मजबूत नेता हैं। वह अब फिर से बीजेपी में शामिल होने के लिए पार्टी का दरवाजा खटखटा रहे हैं। ऐसे नेताओं का इंतजार लंबा हो सकता है। जिसमें वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे राजकुमार रिनवान और सुरेंद्र गोयल का नाम शामिल है। शेखावाटी से एक मजबूत जाट नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया का भी जिक्र किया जा रहा है। भरतपुर से तीन बार के विधायक विजय बंसल भी भाजपा में वापसी के लिए बेताब हैं। लेकिन अरुण सिंह के बयान के बाद उनकी वतन वापसी की प्रक्रिया भी टाली जा रही है।
बीजेपी में इन नेताओं का भविष्य दिवाली के बाद ही तय होगा

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अगले सप्ताह 20 और 21 अक्टूबर को कोटा का दौरा कर रहे हैं। वहां वह बूथ सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इसके बाद दिवाली का त्योहार है। माना जा रहा है कि दिवाली के बाद ही पार्टी में शामिल होने को लेकर बड़ा मंथन होगा। पार्टी में वापसी का इंतजार कर रहे नेताओं के पुराने रिकॉर्ड की दोबारा जांच की जाएगी।

कई मानदंडों पर नेताओं का परीक्षण किया जाएगा

ऐसे नेताओं के बयानों की सूची का सत्यापन किया जाएगा। इसके साथ ही यह भी ध्यान में रखा जाएगा कि उनके भाजपा में शामिल होने से पार्टी को कितना लाभ और नुकसान हो सकता है। पार्टी संगठन के सामने आत्मसमर्पण करने वाले नेताओं को क्षमा कर सकती है। लेकिन पार्टी उन लोगों के लिए दरवाजे खोलने से पहले दो बार सोचेगी जिनका इतिहास भाजपा के रीति-रिवाजों और लोकाचार से मेल नहीं खाता।