Jaipur में REET के 233 MBC अभ्यर्थियों की OBC कैटेगरी में पोस्टिंग पर फंसा पेंच, आज तीसरे दिन होगी बैठक
जयपुर न्यूज़ डेस्क, गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति और सरकार के बीच आज सहमति और सहमति हो सकती है. दोनों पक्षों की ओर से संकेत मिले हैं कि वार्ता आज संपन्न हो सकती है। लगातार तीसरे दिन बातचीत का दौर जारी रहेगा। दो दिवसीय बैठक में अधिकांश मांगों पर सहमति बनी है। आज शाम 5 बजे सरकार ने गुर्जर प्रतिनिधिमंडल को जयपुर के सहकार मार्ग स्थित आरएसईबी गेस्ट हाउस में बातचीत के लिए फिर बुलाया है.लेकिन रीट परीक्षा 2021 के ओबीसी वर्ग में 233 एमबीसी अभ्यर्थियों की पोस्टिंग राजनीतिक और कानूनी पेंच में फंस गई है। इसके समाधान के लिए आज लगातार तीसरे दिन बैठक होगी।ज्यादातर मांगों पर सहमति बन गई है। एक बार कानूनी राय लेने के कारण मामला अटका हुआ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सकारात्मक रहकर मांगों का समाधान निकालने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं. दो दिनों की बातचीत अच्छे माहौल में हुई है। हम आखिरकार आज सभी मांगों पर सहमत होना चाहते हैं।”- जोगेंद्र सिंह अवाना, अध्यक्ष, देवनारायण बोर्ड अध्यक्ष
इस बिंदु पर पेंच फंस गया?
पुष्ट सूत्रों के मुताबिक जिस मुद्दे पर गुर्जर प्रतिनिधिमंडल और सरकार के बीच पेंच फंसा हुआ है. वह आरईईटी लेवल-1 परीक्षा 2021 के एमबीसी में शामिल होने वाले 233 आवेदकों को ओबीसी मानते हुए पोस्टिंग देने के निर्देश जारी करने के बावजूद नौकरी नहीं दे रहा है. प्रतिनिधिमंडल ने सरकार को अंग्रेजी में पत्र लिखा है। जिसका खुलासा दोनों तरफ से फिलहाल नहीं हो रहा है। इस मामले को मुख्यमंत्री कार्यालय स्तर पर उठाया गया है। प्रक्रियाधीन, लंबित और बैकलॉग भर्ती के मामले पर अभी सहमति नहीं बन पाई है। गुर्जर प्रतिनिधिमंडल ने बैठक में कहा है कि अभी तक सरकार की ओर से लंबित और प्रक्रियाधीन भर्ती के संबंध में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है. कोई कार्रवाई नहीं की गई। न ही ऐसी भर्ती का विवरण दिया गया है। चुनाव घोषणापत्र और पिछले समझौते के मुताबिक सरकार को एमबीसी भर्तियों के लिए बैकलॉग देना था।सरकार इस पूरे मामले पर कानूनी राय ले रही है।
अब तक किन मांगों पर सहमति बनी है?
2019 और 2020 के लिए और मांगों पर सहमति के अलावा, देवनारायण गुरुकुल योजना को क्रियान्वित करने, योजना में अनियमितताओं को दूर करने, छात्रों को सुविधाएं प्रदान करने के अलावा, देवनारायण योजना के तहत जिन स्कूलों में बच्चे पढ़ नहीं रहे हैं, वे स्कूल भी योजना के तहत हैं। भुगतान लंबित, देवनारायण योजना की 2019-2020, 2020-2021 और 2021-2022 की 13548 छात्रवृत्ति लंबित, देवनारायण आवासीय विद्यालयों में महिला वार्डन की कमी, शुरुआती 3 माह तक बच्चों को यूनिफॉर्म, बैग, जूते देने वाले स्कूल और मेरी सहमति के बाद अभिभावकों के खाते में सीधे बोझ डालने की समस्या का समाधान खोजा जाए।