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राजस्थान के विधायकों और सांसदों पर 51 केस दर्ज, सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश टेंशन बढ़ाने वाला

राजस्थान के विधायकों और सांसदों पर 51 केस दर्ज, सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश टेंशन बढ़ाने वाला
 
राजस्थान के विधायकों और सांसदों पर 51 केस दर्ज, सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश टेंशन बढ़ाने वाला

राजस्थान सरकार ने राज्य में सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की सुनवाई में तेजी लाने का निर्णय लिया है। सरकार ने सभी सरकारी वकीलों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे मामलों में अनावश्यक तारीखें न लें और अदालती कार्यवाही में पूरा सहयोग करें। राज्य सरकार ने बुधवार को राजस्थान उच्च न्यायालय को यह जानकारी दी।

राजस्थान सरकार ने सरकारी वकीलों को दिए सख्त निर्देश
मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एम.एम. श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति इंद्रजीत सिंह की खंडपीठ ने सरकार से अपने आदेशों की लिखित प्रति प्रस्तुत करने को कहा। साथ ही अगली सुनवाई की तारीख 12 मई तय की है। सरकारी महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार सांसदों और विधायकों से जुड़े लंबित मामलों को प्राथमिकता दे रही है। सरकारी वकीलों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे मामलों की सुनवाई में देरी के लिए जिम्मेदार न हों तथा अदालत के साथ समन्वय करके मामलों का यथाशीघ्र निपटारा करें।

अदालत ने सरकार से जल्द रिपोर्ट पेश करने को कहा...
राज्य में 51 मामले लंबित: हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने बताया कि वर्तमान में राजस्थान में सांसदों और विधायकों के खिलाफ कुल 51 आपराधिक मामले लंबित हैं। हालाँकि, उनकी विस्तृत रिपोर्ट अभी तक सरकार को नहीं सौंपी गई है। अदालत ने सरकार से कहा है कि वह यह रिपोर्ट जल्द प्राप्त कर सुनवाई के अगले चरण में पेश करे।

राजस्थान उच्च न्यायालय ने भी इस मामले का अपने स्तर पर संज्ञान लिया।
सुप्रीम कोर्ट की सख्त कार्रवाई के बाद निगरानी बढ़ा दी गई। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी उच्च न्यायालयों को जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मामलों की नियमित निगरानी करने तथा आवश्यकता पड़ने पर विशेष अदालतें गठित करने का निर्देश दिया था। इसके तहत राजस्थान उच्च न्यायालय ने भी प्रसंज्ञान लेकर याचिका दायर की है।