जयपुर के चौमूं पत्थरबाजी मामले में 19 आरोपी जेल भेजे, इंटरनेट सेवा बहाल
जिले के चौमूं क्षेत्र में हुई पत्थरबाजी और अशांति के मामले में पुलिस ने रविवार को कार्रवाई करते हुए 19 आरोपियों को न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। अदालत ने सभी आरोपियों को जेल भेजने का आदेश दिया।
बताया गया कि चौमूं में पिछले कुछ दिनों से तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई थी, जिसमें कुछ समूहों के बीच पत्थरबाजी और स्थानीय अशांति की घटनाएं सामने आई थीं। पुलिस ने तुरंत कदम उठाते हुए आरोपियों की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार किया।
अधिकारियों ने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में रखने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इलाके में पुलिस की अतिरिक्त तैनाती की गई थी। तीसरे दिन स्थिति सामान्य होने पर इंटरनेट सेवा भी बहाल कर दी गई। इससे आम लोगों की दैनिक गतिविधियों और व्यापारिक कार्यों में सुगमता लौट आई।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। जांच जारी है और पुलिस पूरे मामले की गहनता से छानबीन कर रही है ताकि सभी दोषियों को कानून के अनुसार दंडित किया जा सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि अशांति फैलाने वाले तत्व अक्सर सोशल मीडिया और इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। इस वजह से कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अस्थायी रूप से इंटरनेट सेवा बंद करना आवश्यक हो जाता है। हाल ही में बहाल की गई इंटरनेट सेवा से लोगों को राहत मिली है।
स्थानीय लोगों ने पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की और कहा कि सुरक्षा बनाए रखने और दोषियों को गिरफ्तार करने से क्षेत्र में शांति लौट आई है। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि भविष्य में भी ऐसे मामलों को तुरंत नियंत्रित किया जाए।
राजस्थान पुलिस ने चेतावनी दी है कि अशांति फैलाने या कानून-व्यवस्था भंग करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने यह भी कहा कि स्थानीय नागरिकों को किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देनी चाहिए।
चौमूं मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना प्रशासन की प्राथमिकता है। गिरफ्तार आरोपियों के जेल भेजे जाने और इंटरनेट सेवा बहाल होने से न केवल सामान्य जीवन प्रभावित नहीं हुआ, बल्कि समाज में विश्वास और सुरक्षा का माहौल भी बना।
