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1500 सेकंड 21 अड्डे... Operation Sindoor के बाद भारतीय रेलवे का एक्शन मोड ऑन, स्टेशनों पर और भी चाक-चौबंद हुई सुरक्षा

 
1500 सेकंड 21 अड्डे... Operation Sindoor के बाद भारतीय रेलवे का एक्शन मोड ऑन, स्टेशनों पर और भी चाक-चौबंद हुई सुरक्षा 

भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला ले लिया है। पाकिस्तान में बड़े हवाई हमले किए गए हैं। इस हमले में 21 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। पाकिस्तान ने अब तक छह ठिकानों पर 24 हमलों की बात कबूल की है। इस बीच उसने जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। भारत ने भी पूरी तैयारी कर ली है। देशभर में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इतना ही नहीं सुरक्षा को लेकर रेलवे भी एक्शन मोड में आ गया है। रेलवे ने ट्रेनों, स्टेशनों और यार्ड की सुरक्षा भी बढ़ा दी है। आइए जानते हैं सबकुछ...

भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर हमला किया है। भारत की इस स्ट्राइक में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। इस स्ट्राइक को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया है। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में आपातकाल जैसे हालात हैं। भारत भी अलर्ट मोड पर है। रेलवे स्टेशनों से लेकर एयरपोर्ट तक की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रेलवे बोर्ड ने देशभर के रेलवे यार्ड में एआई तकनीक से लैस सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए हैं। इसकी शुरुआत उत्तर-पश्चिम रेलवे से की जा रही है।

इसके अलावा रेलवे बोर्ड ने इसे नोडल जोन भी बनाया है। इससे देशभर के रेलवे यार्ड की सुरक्षा पर नजर रखी जाएगी और इसकी सुरक्षा का डिजिटल रिकॉर्ड भी रखा जाएगा। सीसीटीवी कैमरे अब ट्रेनों, स्टेशन परिसर और यहां तक ​​कि यार्ड की भी निगरानी करेंगे। बोर्ड के निर्देशानुसार देशभर के रेलवे यार्ड के संवेदनशील इलाकों जैसे प्वाइंट, क्रॉसिंग और सिग्नल सिस्टम पर एआई तकनीक से लैस सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। गौरतलब है कि पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद रेलवे सुरक्षा और संरक्षा को लेकर हाई अलर्ट पर है। अब हर जगह पर नजर रखी जा रही है, ताकि कोई चूक न हो। इस योजना के तहत ऐसे खंभों पर कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि विजिबिलिटी पूरी रहे और सुरक्षा में कोई बाधा न आए।

 यह भी सामने आया कि वायरलेस कनेक्टिविटी और सोलर पावर जैसे उपायों पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि कैमरे हर स्थिति में चालू रह सकें। रेलवे बोर्ड ने इस महत्वाकांक्षी योजना की जिम्मेदारी उत्तर-पश्चिम रेलवे को सौंपी है। इसके लिए यह जोन न सिर्फ पोर्टल तैयार करेगा, बल्कि देशभर के जोन की प्रगति की रिपोर्ट और निगरानी भी करेगा। यानी अब हर जोन का सुरक्षा रिपोर्ट कार्ड बनेगा और उसका लेखा-जोखा डिजिटल होगा।