होलिका दहन पर रहेगा भद्रा का साया, वायरल वीडियो में जानिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
आज होली का त्यौहार है और सभी लोग बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए होलिका दहन करेंगे। मगर इस बार होली भद्रा के साए में मनाई जाएगी। इसके कारण आज शाम को भद्रा का अशुभ समय रहेगा। इस वक्त होली की पूजा तो कर सकते हैं लेकिन होली जलाने का मुहूर्त रात 11 बजकर 30 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।

जयपुर न्यूज़ डेस्क - रंगों के त्योहार होली में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं। होली को लेकर बाजारों में भी रौनक दिखने लगी है। लोग जमकर गुलाल और रंगों की खरीदारी करने लगे हैं। होली से एक दिन पहले होलिका दहन का त्योहार भी मनाया जाता है। हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन का त्योहार मनाया जाता है। होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। मान्यता है कि जिस घर में होलिका दहन होता है, उस घर पर कभी भी नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता है।
होलिका दहन कब है?
ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुदगल ने बताया कि ऋषिकेश पंचांग के अनुसार हर साल होली से ठीक 1 दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। इस साल होलिका दहन 13 मार्च को किया जाएगा और 14 और 15 मार्च को पूरे देश में होली का त्योहार मनाया जाएगा।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या है?
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि इस साल भी होलिका दहन के दिन भद्रा रहेगी। होलिका दहन 13 मार्च को है और भद्रा 13 मार्च को सुबह 10:04 बजे से शुरू होकर उसी दिन रात 10:30 बजे समाप्त हो जाएगी। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 13 मार्च को रात 10:54 बजे से लेकर रात 12:45 बजे तक है।
होलिका दहन पूजा विधि
होलिका के चारों ओर पांच, सात या ग्यारह बार धागा लपेटें। दक्षिण दिशा में बैठकर एक कलश में जल भरें और पंचोपचार विधि से होलिका और प्रह्लाद की पूजा करते हुए 'ॐ होलिकाय नमः' मंत्र का जाप करें और होलिका दहन करें। रोली, चावल, चंदन लगाएं और घर में बनी मिठाई का भोग लगाएं। एक कलश में जल भरकर होलिका की परिक्रमा करें। इसके बाद उस होलिका दहन में गेहूं की बाली, नारियल, सप्तधान्य, एक सिक्का और भोग चढ़ाएं।